जबलपुर नवनीत दुबे- सर्वविदित है कि बीते कुछ समय से संस्कारधानी में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है, अपराधी प्रवृत्ति के असामाजिक युवा बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, इसके बाद पुलिस फरार अपराधी तत्वों की गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास कर इन्हें पकड़ने में सफलता हासिल कर अपनी वाहवाही सजगता और कर्तव्यनिष्ठा का ढोल खुद ही पीटते नजर आ रही है? वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पत्रकार वार्ता आयोजित कर अपनी उपलब्धि का बखान किया जा रहा है और समाचार पत्रों व टीवी चैनलों में साहब अपने विभाग की पीठ थपथपाते फूले नहीं समा रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य कहें या विडंबना की अपराधिक मानसिकता के युवा धड़ल्ले से अपने मंसूबों को घटित कर रहे हैं जिन्हें पुलिस का खौफ नहीं और वारदात करने के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ने से इन्हें किसी भी प्रकार का भय नहीं होता, ऐसे हालात में बीते दिनों गुलुआ पार्क में वारदात करने वाले आरोपियों के संबंध में उल्लेख आवश्यक है जब अपराधी तत्वों का पैदल जुलूस निकालकर था खाकी धारी, जनमानस को यह संदेश देते हैं कि पुलिस जनमानस की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है ततपर है, और सरेआम अपराधी तत्वों का जुलूस निकालकर इनके गुंडई पर कानून का डंडा घुसने का प्रदर्शन करती है, पर हाय री विडंबना खाकी की गरिमा और भय का सरेआम मखोल बना दिया जाता है? मुद्दे की बात पर आते हैं पुलिस कप्तान टीके विद्यार्थी कानून व्यवस्था का कड़ाई से पालन करवाने असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने वातानुकूलित कक्ष में रणनीति बनाकर अधीनस्थों को आदेश का पालन करने निर्देशित करते है, पर साहब के अधीनस्थ धरातल पर किस तरह पालन कर रहे हैं यह संस्कारधानी में बढ़ते अपराध इस बात की कलाई खोल रहे हैं? बीते दिनों शहर में दो वारदात हुई जिन्होंने शहर वासियों को झकझोर कर रख दिया, संजीवनी नगर थाना क्षेत्र के गुलुआ ताल पार्क में छेड़खानी का विरोध बुजुर्गों को महंगा पड़ गया फल स्वरूप कुख्यात गैंगस्टर बनने का शौक पाले कुछ युवकों ने भरी भीड़ के सामने महिला और बुजुर्गों से हाथापाई की और तलवार से हमला किया, खबर फैलते ही हरकत में आई पुलिस ने आरोपी युवकों को गिरफ्तार कर अपनी इज्जत बचाई, लेकिन हास्यास्पद ही कहेंगे कि जब आरोपी युवकों का जुलूस निकाला जा रहा था तो वह छाती चौड़ी कर शान से चल रहे थे, जिसमें सहभागी बन खाकी धारी भी इन अपराधी आरोपियों से मित्रवत व्यवहार निभाते हुए हंस रहे थे, लेकिन आरोपियों के इस कृत्य ने एक बात स्पष्ट कर दी है कि खाकी की गरिमा और सम्मान अपराधी तत्व अपनी जेब में रखते हैं, शब्द कटु है लेकिन सत्यता की परिधि में है, तो वही एक और वारदात जो अधारताल थाना क्षेत्र की है, इसमें सरेआम तलवार लेकर घंटों तक दो युवक कोहराम मचाते रहे और अंत में अपने मंसूबों को अंजाम देते हुए तलवार का प्रहार करते रहे लेकिन बाहरी कर्तव्यनिष्ठा खाकी इस मामले में भी गटर हटाया जवाब कि आरोपियों की तलाश जारी थी और अंत में गिरफ्तार कर लिया गया है, यह बोलकर खुद की पीठ थपथपाई? विदित हो बीते दिनों लालगंज थाना क्षेत्र के बलदेवबाग में एक युवक पर चार युवकों ने जानलेवा हमला किया था, हालांकि पुलिस द्वारा 5 से 6 धाराएं लगाई गई थी, पर हास्यास्पद ही कहेंगे की खाकी का रसूख धरा का धरा रह गया और आरोपियों को जेल भेजने तक की कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि कर्तव्यनिष्ठ जिम्मेदार खाकी धारी द्वारा मां लक्ष्मी का पूर्ण सम्मान करते हुए कानून की परिधि में ही आरोपियों को छोड़ दिया गया, ऐसे आरोप लगाए गए हैं? जो विभागीय जांच का विषय है, हालांकि ऐसे कई मामले हैं जो थानों के शासकीय कार्यों में दर्ज हैं पर पुलिसकर्मियों पर अपराधी तत्वों का रसूख भारी पड़ जाता है और सबका साथ सबका विकास का नारा बुलंद हो जाता है? मुद्दे की बात यह है, कप्तान साहब जुआरियों सटोरियों शराब का अवैध कारोबार करने वाले छिपकली नुमा मगरमच्छों पर कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं, और चाकू तलवार धमकी गुंडा वसूली को अंजाम देने वाले अपने-अपने थाना क्षेत्र के कर्तव्यनिष्ठ इमानदार पुलिस कर्मियों से मधुर संबंध बनाए हुए हैं यह चर्चा गली मोहल्लों में आम है और चटकारे के साथ जनमानस की वार्ता का केंद्र बनी है, हालांकि यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगा जो दबी जुबान से सियासत से जुड़े छोटे भाई यह नेता और संस्कारधानी वासी कह रहे हैं कि सियासी आकाओं के इशारे पर ही प्रशासन को चाहे फिर पुलिस विभाग भी क्यों ना हो कठपुतली की तरह नाचना पड़ता है? जिसका लाभ समय-समय पर सियासत आता खुद भी ले रहे हैं और पुलिस विभाग को भी देते हैं जिसमें वरिष्ठ अधिकारी की प्राथमिकता सर्वप्रथम होती है?