जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में व्यवस्था दी है कि निजी विश्वविद्यालयों को आरटीआई अधिनियम अंतर्गत जानकारी देने बाध्य न किया जाए। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। याचिकाकर्ता निजी विश्वविद्यालयों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता व आशीष मिश्रा ने पक्ष रखा, उन्होंने दलील दी कि निजी विश्वविद्यालय केंद्र या राज्य सरकार से किसी भी तरह का वित्तीय सहायता या शासकीय अनुदान प्राप्त नहीं करते हैं। लिहाजा, उन्हें सूचना के अधिकार में लोक सूचना अधिकारी को नियुक्त करने बाध्य करना किसी भी व्यक्ति द्वारा दाखिल आवेदन को स्वीकार कर सूचना प्रदान करने के लिए बाध्य करना अनुचित है। राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा आदेश पारित कर के यह कहा था कि प्रदेश भर के निजी विश्वविद्यालय न केवल लोक सूचना अधिकारी नियुक्त करने अपितु सूचना के अधिकार में मांगी जाने वाली सभी जानकारियों को सार्वजनिक करने हेतु बाध्य हैं। इसी रवैये के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। राज्य सूचना आयोग की ओर से अधिवक्ता जय शुक्ला ने पैरवी की।