जबलपुर, डेस्क। मप्र उच्च न्यायालय ने कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग के नाम की आड़ लेकर नौकरी दिलवाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये हड़पने के दो आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने दोनों की अर्जियां खारिज कर दीं।
अभियोजन के अनुसार छिंदवाड़ा जिले के चांदामेटा निवासी धर्मेंद्र विश्वकर्मा व खजरी, छिंदवाड़ा निवासी सतीश बादशाह के खिलाफ परासिया थाने में भादवि की धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत यह प्रकरण दर्ज हुआ। मई 2022 में दोनो गिरफ्तार किए गए। दोनों आरोपियों ने आकाश, तारेंद्र, शालिनी सहित कई अन्य छात्रों से नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपये ठग लिए। इस साजिश में धर्मेंद्र विश्वकर्मा खुद को मंत्री विश्वास सारंग का पीए बताता था। रकम वसूली जैसे दूसरे काम सतीश करता था। मंत्री के प्रभाव में नौकरी लगवाने का लालच देकर इन दोनों ने कई युवाओं को ठगा। शासकीय अधिवक्ता वेदप्रकाश तिवारी ने न्यायालय को बताया कि ठगी गई राशि करीब 15 लाख रुपये है। उन्होंने तर्क दिया कि युवाओं को भविष्य के सपने दिखा कर ठगा गया, लिहाजा जमानत न दी जाए। तर्क मंजूर कर न्यायालय ने दोनों की अर्जियां निरस्त कर दीं।