गंगा-जमुनी तहजीब की बात और हृदय में तेजाब का भंडार ?

गंगा-जमुनी तहजीब की बात और हृदय में तेजाब का भंडार ?

जबलपुर- विदित है कि बीते दिनों संस्कारधानी में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और एटीएस ने दबिश दी और आतंकी संगठन आईएएस से जुड़े होने के आरोप में गोमती थाना क्षेत्र के नया मोहल्ला से मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को हिरासत में लिया जो गजवा ए हिंद इस्लामिक राष्ट्र के कट्टर समर्थक के रूप में अग्रणी हो कार्य कर रहे थे? वजह आदि प्रचार के साथ ही घातक हथियारों का असला अपने घरों में एकत्रित कर किसी बड़ी हिंसा को अंजाम देने के मंसूबे अपने जिहादी सर प्रस्ताव के इशारे पर तैयार कर रहे थे? मुद्दे की बात पर आते हैं जांच एजेंसियों की छापेमारी के दौरान जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनका नाम अमन चैन के हिमायती और सद्भाव के पक्षधर के रूप में जाना जाता है, लेकिन विडंबना का है या दुर्भाग्य के गंगा जमुनी तहजीब की बात करने वाली ह्रदय में तेजाब का भंडारण किए हुए थे?


हिरासत में लिए गए आरोपियों में सबसे चौंकाने वाला नाम जो सामने आया वह वरिष्ठ अधिवक्ता ए उस्मानी का है साथ ही भाई अमानउद्दीन व बेटे आरहम का है, जो संस्कारधानी के बुद्धिजीवियों को हतप्रभ किए हुए हैं, कट्टरता की पराकाष्ठा का यह पर्याय संस्कारधानी में रहकर नफरत की जमीन पर जहर के बीज बोने का देश विरोधी कृत्य की चर्चा शहर के आम जनमानस में वार्ता का विषय बनी हुई है, जांच एजेंसियों द्वारा देश विरोधी साजिश का आतंकी संगठन के सहयोगी बन कार्य करने वाले अन्य आरोपी अधिवक्ता नईम खान, मोहम्मद आदिल खान, सैयद मामूर अली, मोहम्मद शाहिद व अन्य सब्जियों के चेहरे से उतरा गंगा जमुनी भाईचारे का नकाब यह सोचने मजबूर कर रहा है कि आखिर वतन परस्ती की बात करने वाले अपने शहर और प्रदेश को नफरत की आग में झुलसा ने का प्रयोजन बना रहे थे? परिदृश्य कुछ यही बयां कर रहा है कि देश विरोधी साजिश के आरोप में गिरफ्तार हुए आरोपी टेरर फंडिंग का इस्तेमाल कर मुस्लिम युवाओं को बरगलाने और कट्टरता का पाठ पढ़ा कर हिंदू मुस्लिम की खाई को और गहरा खुद रहे थे, साथ ही हिंदू लड़कियों को अपना शिकार बनाने हर संभव तरकीब का प्रयोग रहे थे, और धार्मिक कट्टरता की आड़ में मुस्लिम वर्ग को हिंदू समाज के खिलाफ तैयार कर रहे थे? ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि सिर्फ नया मोहल्ला क्षेत्र में छापेमारी के दौरान कुछ आरोपित पर कार्यवाही शायद काफी नहीं है, जब षड्यंत्र की एक परत खुली ही है तो संस्कारधानी के अन्य मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों पर भी जांच एजेंसियां कार्यवाही करें जिससे और अन्य चेहरे भी संभवत बेनकाब होंगे जो गजवा ए हिंद की दिशा में चल कर कट्टरता और नफरत का आवरण धारण किए हुए हैं!

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