जबलपुर। शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय गौरीघाट में गत दिवस नवजात शिशु से लेकर 16 वर्ष की आयु तक में 380 बच्चों की स्वर्णप्राशन संस्कार किया गया। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा बेहतर शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का निर्माण करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों का परीक्षण कर उनकी आयु के अनुसार अलग-अलग मात्रा में स्वर्ण भस्म, गौ घृत एवं शहद से निर्मित स्वर्ण बिन्दु पिलाया गया। स्वर्ण बिन्दु की प्रत्येक बूंद में 1.6 मिग्रा स्वर्ण भस्म होता है।
इस अवसर पर प्रभारी प्रधानाचार्य एलएल अहिरवाल ने बताया कि संस्था में फरवरी 2014 से स्वर्ण प्राशन संस्कार कार्यक्रम निरंतर चलाया जा रहा है। इस अवसर पर मौजूद अभिभावकों ने बताया कि जब से अपने बच्चों का स्वर्ण प्राशन करा रहे है तब से बच्चे बीमार नहीं पड़ रहे हैं। कमजोर स्मृति के बच्चों पर भी इसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। यह बालकों के वर्ण को भी निखारता है, पाचन सुधारता है एवं हाईट तथा हेल्थ दोनों के लिए बेहतर है।