जबलपुर (नवनीत दुबे)। सर्वविदित है बीते दिनों तथाकथित भाजपा नेता प्रियांशु विश्वकर्मा के ऑफिस में एमबीए की छात्रा वेदिका सिंह पर चली गोली में सीयासती रसूख व सफेद पोश दिग्गजो के कृपा पात्र कार्यकर्ता की वजन नारी की कलाई खोल दी, जख्मी हालत में वेदिका को लेकर प्रियांशी निजी अस्पताल पहुंचा और धनबल के दम पर घायल वेदिका और उसकी रिश्तेदार को अस्पताल में छोड़कर भाग निकला, इस मामले की शिकायत लेकर जब परिजन संजीवनी नगर थाने पहुंचे तो थाना पुलिस ने इतने गंभीर मामले में कमी करने से पहले हीला हवाली की और परिजनों को इधर से उधर भटका या? जब गोली कांड की खबर आग जैसी फैली और कांग्रेसियों ने इस मुद्दे को गर्म करते हुए हल्ला मचाया तो थाना पुलिस द्वारा गंभीरता से प्रकरण की जांच किए बिना मामूली धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया हिंदुजा वेदिका का बयान सामने आया तब कहीं जाकर हत्या के प्रयास का मामला कायम हुआ, लेकिन विडंबना ही कहेंगे कि एक आम व्यक्ति किसी को एक चांटा मार दे तो पुलिसिया रौब और कानून का डंडा 10:30 लाल कर देता है पर सिया सती रसूखदार की आवभगत होती है सूत्रों की माने तो आरोपी प्रियांश विश्वकर्मा की धनवंतरी नगर पुलिस चौकी वसंजी नगर थाने में अच्छी पैठ थी प्रभारी से लेकर अधीनस्थों तक सभी से मधुर मित्रवत संबंध थे ? और प्रियांश थाना चौकी के पुलिसकर्मियों के मान सम्मान का बराबर ध्यान रखता था और इसका लाभ भी समय-समय पर उठाता रहता था , तो वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो कहा यही जा रहा है कि चौकी पुलिस व थाना पुलिस की प्रियांश से लंबे समय से चली आ रही मिलीभगत की भी जांच होनी चाहिए जिससे कुछ कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार ओं के चेहरे से नकाब उतर जाएगा ? तो वही सबसे अहम बिंदु गोलीकांड में इस्तेमाल की गई रिवाल्वर का लाइसेंस था या नहीं, यह चर्चा का विषय बना हुआ है और यदि लाइसेंस नहीं था तो पुलिस ने कठोर धाराओं के तहत प्रकरण क्यों नहीं बनाया रांची में कितने समय से रिवाल्वर रखकर घूमता था और उसने किससे खरीदी थी ?