जबलपुर। सिहोरा के मझगवां में पटवारी देवीदनी पटेल ने रिश्वत लेने के लिए एक प्राइवेट कर्मचारी शारदा पटेल को रखा था। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब लोकायुक्त टीम की दबिश में हुआ है। लोकायुक्त टीम ने शारदा पटेल को जितेन्द्र पटेल से दस हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। शारदा पटेल द्वारा उक्त रिश्वत की राशि पटवारी देवीदीन के कहने पर ही ले रहा था।
इस संबंध में लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि ग्राम सिंगोद पनागर निवासी जितेन्द्र पिता हल्केराम पटेल उम्र 44 वर्ष पेशे से किसान है। जितेन्द्र की बहन सीमा की शादी ग्राम जुनवानी सिहोरा निवासी अरविंद पटेल के साथ हुई थी। इसी वर्ष 24 अप्रेल को अरविंद पटेल की करंट लगने से मौत हो गई। अरविंद की करीब 1.23 हेक्टेयर खेती की जमीन का फौती नामांतरण कराने के लिए सीमा ने 31 जुलाई को लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से आवेदन दिया। जैसे ही आवेदन हल्का पटवारी देवीदीन पटेल के पास पहुंचा तो उसने सीमा के भाई जितेन्द्र को बुलाकर 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। दोनों के बीच दस हजार रुपए में बात तय हो गई। इसके बाद जितेन्द्र ने लोकायुक्त आफिस पहुंचकर एसपी संजय साहू से शिकायत की।
बुधवार को जितेन्द्र पटैल मझगवां स्थित पटवारी कार्यालय पहुंचा। जहां पर जितेन्द्र ने पटवारी देवीदीन से मुलाकात कर दस हजार रुपए की रिश्वत दी, जिसपर पटवारी देवीदीन ने इशारा करते हुए अपने प्राइवेट कर्मचारी शारदा पटेल निवासी कचनारिया को रुपए देने के लिए कहा। जितेन्द्र ने जैसे ही शारदा पटेल को रिश्वत के दस हजार रुपए दिए, तभी लोकायुक्त टीम के इंस्पेक्टर कमलसिंह उईके, नरेश बेहरा, सब इंस्पेक्टर शिशिर पांडेय सहित अन्य अधिकारियों ने दबिश देकर रंगे हाथ पकड़ लिया। शारदा पटेल ने लोकायुक्त टीम के हत्थे चढ़ते ही कहा कि वह उक्त रिश्वत पटवारी देवीदीन पटेल के कहने पर ले रहा था। पटवारी देवीदीन और प्राइवेट कर्मचारी शारदा पटेल के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने की खबर से क्षेत्र में हड़कम्प मच गया।