जबलपुर (नवनीत दुबे)। “तुम मुझे धन दो, में तुम्हे जाति प्रमाण पत्र दूंगा”? आप सोच रहे होंगे कि कलमकार काश है आखिर क्या है तो स्पष्ट हो कुछ शासकीय विभागों में अपनी वास्तविक जाति छुपाकर आरक्षण का लाभ लेते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर कुछ नटवरलाल शासकीय विभागों में सेवारत हैं? और शासकीय सेवक का लुत्फ भर कटोरा मलाई के साथ ले रहे हैं, हालांकि इस संबंध में उन विभागों के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है लेकिन “सबका साथ सबका विकास” कि परिणीति स्वरूप आंख बंद किए हुए हैं? सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में शिक्षा विभाग में हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में जमकर धांधली के आरोप लग रहे हैं कहां जा रहा है मोटी रकम वसूल कर अपात्र को पात्रता के दायरे में लाया गया है और मूल जाति के विपरीत गिला प्रदान कर जाति प्रमाण पत्र में है फिर कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाए गए हैं? अगर इसमें तनिक भी सत्यता है तो यह मामला बेहद गंभीर है और शासन की आंख में धूल झोंक कर अधिकारियों के चहेतों को अवैधानिक तरीके से लाभ दिलाया गया है जो अनुचित है, और निष्पक्ष जांच का विषय है जिससे एक बहुत व्यापक फर्जीवाड़े की परत खुलने की उम्मीद की जा रही है, विडंबना ही कहेंगे कि शासन के नीति नियमों के चलते योग्य व्यक्ति शासकीय सेवक बनने से वंचित रह जाता है लेकिन चंद रसूखदार सफेद पोषण और उच्च अधिकारियों के कृपा पात्र फर्जी तरीके से पात्रता हासिल कर लेते हैं? सूत्रों की मानें तो लंबे समय से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने का गोरखधंधा फल फूल रहा है जिसमें नगर पालिका निगम जिला पंचायत शिक्षा विभाग इत्यादि में लंबे समय से शासकीय सेवा में पता चीन कुछ बाबू से अधिकारी तक के जाति प्रमाण पत्र जाली हैं? चर्चा तो यह भी है कि नगर पालिका निगम में अगर गंभीरता से जाति प्रमाण पत्रों की निष्पक्ष जांच की जाए तो कई चेहरे बेनकाब होंगे जो फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर धड़ल्ले से नौकरी कर रहे हैं? यहां तक कि स्वास्थ्य विभाग में ठेका प्रणाली के चलते दो दुनी 22 का खेल चल रहा है जिन कर्मचारियों के नाम स्वास्थ्य सफाई व्यवस्था मैं दर्ज है उनमें अधिकांश फर्जी हैं और मुफ्त की घर बैठे तंखा ले रहे हैं ठेकेदार और संबंधित अधिकारी का हिस्सा देने के बाद? अब इन आरोपों में कितनी सत्यता है यह जांच का विषय है लेकिन” दुआ बता रहा है, की आग लगी जरूर है”, इस संबंध में अधिवक्ता अपूर्व त्रिवेदी द्वारा भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा उठाया गया है और शीघ्र ही इस फर्जीवाड़े का खुलासा करने की बात की जा रही है।

