(जबलपुर) बुरहानपुर की प्रधान न्यायाधीश से हाईकोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण, किस नियम के तहत दुर्घटना दावा की राशि 10 वर्ष के लिए फिक्स डिपॉजिट करने का दिया गया आदेश!

साईडलुक, जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण बुरहानपुर की प्रधान न्यायाधीश आशिता श्रीवास्तव से यह स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने किस नियम के तहत दुर्घटना दावा की राशि 10 वर्ष के लिए फिक्स डिपॉजिट करने का आदेश दिया। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 28 मई को होना तय किया गया है।
बुरहानपुर निवासी कलीमा बी व अन्य की ओर से अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा और शिवम शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता के पति की मृत्यु दुर्घटना में हो गई थी। वर्ष 2013 में अधिकरण ने साढ़े नौ लाख रुपए की दावा राशि निर्धारित की थी। इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी ने अपील पेश की थी, जिसका निराकरण 2023 हुआ। इसके बाद आवेदिका ने एमएसीटी कोर्ट में राशि के भुगतान के लिए परिवाद पेश किया।
एमएसीटी की प्रधान न्यायाधीश आशिता श्रीवास्तव निर्धारित राशि का 75 फीसदी एफडी और 25 प्रतिशत राशि नगद भुगतान के निर्देश दिए। दलील दी गई कि वर्ष 2013 में दावा निर्धारित हुआ था, जिसके बाद अपील की अवधि में 10 वर्ष से अधिक हो चुके हैं, इसलिए अब पूरी राशि नगद भुगतान की जानी चाहिए।