◆ प्रदेश में पहली बार पाइल फाउंडेशन पर बने टावरों से हुई विद्युत आपूर्ति
जबलपुर। मध्यप्रदेश शासन की मंशानुसार नवाचार को बढ़ावा देने तथा ज्यादा से ज्यादा अत्याधुनिक तकनीकों का निर्माण कार्यों में समावेश करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने मध्य प्रदेश में पहली बार अपने ट्रांसमिशन नेटवर्क के विस्तार में पाइल फाउंडेशन पर अति उच्च दाब टावरों का निर्माण किया है। लगभग 31 करोड़ की लागत से मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने 132 के वी बुधनी मोहासा (बावई) डीसीडीएस (डबल सर्किट डबल स्ट्रिंगिंग) लाइन के 2.5 किलोमीटर लंबाई के बीच में इन चार टावरों के निर्माण में इस तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया है। ये टावर मोहासा ग्राम के पास से गुजरने वाली तवा नदी में निर्मित किए गए हैं। कुल 32.9 किलोमीटर की ये लाइन गतदिवस ऊर्जीकृत की गई।
◆ अति उच्च दाब लाइनों को नदी क्रास कराने रहती है बड़ी चुनौती
मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के सामने पूर्व में भी नदी, तालाब, नाले आदि क्रास कराकर अति उच्च दाब लाइनों का निर्माण हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। प्रायः नदी के दोनों छोर पर लंबे स्पान के साथ इनका निर्माण किया जाता था जिससे निर्माण के साथ-साथ रखरखाव में भी दिक्कत आती थी। इस नई तकनीक को अपनाने से अब नदी के अंदर ही पाइल फाउंडेशन बनाकर इन टावरों का निर्माण किया गया है।
◆ जलमग्न क्षेत्रों की कठिन भौगोलिक परिस्थिति में काफी सहायक है यह तकनीक मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के योजना एवं रूपांकन संकाय के मुख्य अभियंता इंजीनियर संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा पहली बार उपयोग लाई जा रही यह तकनीक ट्रांसमिशन लाइन निर्माण के लिए मील का पत्थर साबित होगी इसके लिए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने विशेष डिजाइन के फाउंडेशन तैयार करवाये हैं। यह तकनीक जलमग्न और असमान भौगोलिक परिस्थिति वाले क्षेत्र में निर्माण कार्य को काफी लचीलापन प्रदान करते हैं जिससे इन लाइनों के निर्माण में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन और बाद में रखरखाव में आसानी रहती है।