जबलपुर, डेस्क। मप्र उच्च न्यायालय ने जिला अदालतों में 1255 पदों पर की जा रही भर्तियों को चुनौती संबंधी सभी 18 याचिकाओं पर आज अंतिम सुनवाई की व्यवस्था दे दी है, साथ ही रजिस्ट्रार जनरल द्वारा प्रस्तुत जवाब को मूल रिकार्ड में संलग्न करने के निर्देश दे दिए।
प्रशासनिक न्यायाधीश सुजय पाल व जस्टिस पीसी गुप्ता की युगलपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। इस दौरान मप्र उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से परीक्षा परिणाम में त्रुटि सुधार के लिए समय मांगा। इस तथ्य के सामने आने के साथ ही याचिकाकर्ताओं की ओर से उनके अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने आपत्ति दर्ज कराते हुए मामले की अंतिम सुनवाई शीघ्र किए जाने पर बल दिया।
उन्होंने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने समस्त भर्तियों में शत-प्रतिशत कम्युनल आरक्षण लागू करने जैसी बड़ी त्रुटि की है। यही नहीं सर्वोच्च न्यायालय के भर्तियों विषयक मार्गदर्शी सिद्यांतों से भी अनभिज्ञ रहते हुए प्रक्रिया को मनमाने तरीके से गति दी गई है। यही वजह है कि उच्च न्यायालय इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान ही 23 अप्रैल को 1255 भर्तियों को विचाराधीन याचिकाओं के अंतिम निर्णय के अधीन करने का अंतरिम आदेश पारित कर चुका है। याचिकाओं में 30 मार्च को जारी परिणाम की वैधानिकता को चुनौती दी गई है।