14 जून को उपस्थित होने के निर्देश, फोरेंसिक ऑफिसर की पुत्री की इलाज में लापरवाही से मृत्यु का मामला
जबलपुर (साईडलुक डेस्क)। फोरेंसिक ऑफिसर डॉ. सुनीता तिवारी की 13 वर्षीय पुत्री खुशी की इलाज के दौरान स्टार हॉस्पिटल में मृत्यु के मसले में जवाब न देने पर मप्र उच्च न्यायालय ने सख्ती दिखाई। उच्च न्यायालय ने जबलपुर सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया को इस सिलसिले में न्यायालय के समक्ष हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने को कहा। न्यायालय ने उन्हें 14 जून को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए।
यह है मामला
गौरखपुर, जिला जबलपुर निवासी फोरेंसिक ऑफिसर डॉ. सुनीता तिवारी की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता निखिल तिवारी ने कोर्ट को बताया कि डॉ. सुनीता तिवारी की इकलौती 13 वर्षिय संतान खुशी तिवारी की 19 मई 2021 को उपचार में लापरवाही के कारण मालवीय चौक स्थित डॉ. राजीव जैन के स्टार हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। डॉ. तिवारी की शिकायत पर गठित की गई विक्टोरिया अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम ने जांच की थी। शिकायत व जांच रिपोर्ट के आधार पर लार्डगंज पुलिस ने डॉ. राजीव जैन के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया।
अबतक नहीं हुई कार्रवाई
जांच टीम ने रिपोर्ट में पाया था कि इलाज में लापरवाही से हुई मृत्यु को छिपाने के लिए सम्बंधित दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गई थी। फर्जी दस्तावेज बनाकर सबूत छिपाने का प्रयास किया गया था। तर्क दिया गया कि उक्त रिपोर्ट के आधार पर स्टार हॉस्पिटल व संचालक डॉ. राजीव जैन के खिलाफ कार्रवाई की जानी थी, लेकिन अब तक नहीं की गई।
जबलपुर सीएमएचओ तलब
इस मामले में न्यायालय ने 10 नवम्बर 2021 को सरकार व अन्य अनावेदकों से जवाब मांगा था। जवाब न पेश करने पर 15 मार्च 2022 को न्यायालय ने जवाब के लिए अंतिम अवसर दिया। इसके बावजूद जवाब पेश न करने पर न्यायालय ने सख्ती दिखाते हुए जबलपुर सीएमएचओ को तलब कर लिया।