जबलपुर। मध्यप्रदेश सरकार से उच्च न्यायालय ने पूछा है कि उच्च शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों को नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त लोक शिक्षण और व्यावसायिक परीक्षा मंडल के चेयरमैन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सतना की रहने वाली साधना मिश्रा सहित अन्य कई जिलों के ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर बताया कि उन्होंने उक्त परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है, इसके बावजूद राज्य शासन ने उनकी नियुक्तियां होल्ड पर रख दी हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने दलील दी कि राज्य शासन ने 26 दिसंबर 2019 में भर्ती नियम में संशोधन कर अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत अन्य आरक्षित वर्गों की तरह ईडब्ल्यूएस के लिए भी 10 फीसदी पद आरक्षित किए थे। उन्होंने बताया कि कुल 17 हजार पदों पर नियुक्तियां होनी हैं, जिनमें से अब तक केवल 8470 पद ही भरे गए हैं। इनमें से ईडब्लयूएस के अधिकतर पद रिक्त पड़े हैं। यह दलील भी दी गई कि वहीं दूसरी ओर रोक के बावजूद ओबीसी को 14 की जगह 27 फीसदी पदों पर नियुक्तियां दी जा रही हैं।