जबलपुर, डेस्क। मप्र उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कहा कि तीन महीने के अंदर ऑनलाइन गैम्बलिंग पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने ठोस कदम उठाए जाएं। जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने इसके लिए तीन माह का समय दिया। न्यायालय ने कहा कि देश के युवाओं के आर्थिक, मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को वृहद स्तर पर प्रभावित करने वाले इस मसले में अधिक समय तक इंतजार नहीं किया जा सकता। इस मसले पर अगली सुनवाई 30 नवम्बर नियत की गई।
सिंगरौली जिले के सनत कुमार जैसवाल की जमानत अर्जी पर न्यायालय सुनवाई कर रही थी। सनत पर आरोप है कि उसने अपने नाना के खाते से 8 लाख 51 हजार रुपये निकाल लिए। इस रकम को उसने आईपीएल के सट्टे में लगाकर बर्बाद कर दिया।
केंद्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव ने न्यायालय को बताया कि गैम्बलिंग व बेटिंग राज्य सूची का विषय है। राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता जीपी सिंह ने विधि एवं विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव का शपथपत्र पेश किया। न्यायालय को बताया कि इस मसले पर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के गृह विभाग सचिवों की 21 जुलाई को बैठक बुलाई थी। मामला अब अंतर्राज्यीय एडवाइजरी कमेटी के स्तर पर है। जिसे यह निर्णय लेना है कि ऑनलाइन गैम्बलिंग के सम्बंध में क्या कदम उठाए जाएं। सुनवाई के बाद न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार के बयान का केंद्र सरकार ने खंडन किया है। लिहाजा राज्य सरकार इस सम्बंध में एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत करे।