जबलपुर(साईडलुक डेस्क)। मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुजय पाल व जस्टिस नंदिता दुबे की ग्रीष्म अवकाशकालीन एकलपीठों ने अंतरिम आदेशों के जरिये सीएम राइज स्कूल से जुड़े स्थानांतरण आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय में 30 याचिका की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता अशोक कुमार साहू सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी, प्रवीण दुबे, साैरभ सोनी, अमित चतुर्वेदी, विशाल यादव सहित अन्य ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि सीएम राइज स्कूल मप्र शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता-क्रांति है। इसके तहत सर्वथा योग्य शिक्षकों के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। तकनीकी शिक्षा के जरिये स्कूल स्तर से ही विद्यार्थी की योग्यता को निखारने का सूत्र भी इस योजना में समाहित है। इतनी उत्कृष्ट योजना को प्रशासनिक स्तर पर मनमानी के जरिये नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
शिक्षकों की भर्ती संबंधी दिशा-निर्देशों की अवहेलना
हाई कोर्ट को अवगत कराया गया कि सीएम राइज स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इनके जरिये यह सुनिश्चित किया गया था कि सीएम राइस स्कूल में पदस्थापना के लिए निश्चित मापदंड के आधार पर परीक्षा में सम्मिलित होना पड़ेगा। जो अभ्यर्थी सफल होंगे, उनकी पसंद के आधार पर सीएम राइस स्कूल में पदस्थापना कर दी जाएगी। उन शिक्षकों से च्वाइस फिलिंग के आधार पर प्रथम सीएम राइज स्कूल में नियुक्त करने का प्रमुख उद्देश्य था। लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए अधिकारियों के द्वारा चयनित शिक्षकों को सीएम राइस स्कूल से लगभग 50 से 100 किलोमीटर दूर स्थानांतरण किया गया। यही नहीं अन्य जिलों में भी स्थानांतरण की शिकायतें सामने आईं हैं। जिसके विरुद्ध आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल को एक लिखित अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था। किंतु नियत समय पर कोई निर्णय नहीं होने पर आवेदकों ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की।