जबलपुर, डेस्क। मप्र उच्च न्यायालय के निर्देश पर सोमवार को सड़क चौड़ीकरण और यातायात में बाधक 64 धार्मिक स्थलों की सूची पेश की गई। सरकार की ओर से कार्रवाई के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी गई, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। चीफ जस्टिस रवि मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने शासन को अगली सुनवाई के दौरान कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने कहा। मामले पर अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
मामले पर सुनवाई के दौरान अवमानना याचिकाकर्ता सतीश वर्मा ने बताया कि जिन निर्माणों की सूची पेश की गई है, उनमें से कुछ मास्टर प्लान के परिपालन में बाधक, फुटपाथ में बाधक, पौधारोपण, स्मार्ट सिटी, फ्लाईओवर और नाली निर्माण में बाधक हैं, जिन्हें हटाना बहुत जरूरी है। वहीं शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह ने न्यायालय को बताया कि इस संबंध में नगर निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है। नगर निगम अधिकारियों के साथ एक बैठक भी हो चुकी है, जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
उच्च न्यायालय द्वारा अवैध धर्मस्थलों के खिलाफ दायर जनहित याचिका में पारित आदेश के बावजूद कई ऐसे अवैध धर्म स्थल हैं जिन्हें अभी तक नहीं हटाया है। यही नहीं कुछ जगहों पर नए सिरे से अवैध धर्मस्थल बन गए। इससे रोड चौड़ी करने, नाली निर्माण या फुटपाथ बनाने में विलंब हो रहा है। कैंटोनमेंट, रेलवे और आर्मी एरिया के अवैध निर्माण भी प्रशासन की उदासीनता के कारण नहीं हटाए जा सके हैं।