जबलपुर (नवनीत दुबे)। संस्कारधानी अर्थात कुरूप स्मार्ट सिटी का अराजक यातायात नासूर की भांति आमजन को वेदना की प्रतिदिन अनुभूति कराता है, तो प्रश्न ये उठता है कि आखिर इस अराजक यातायात की मुख्य वजह क्या है? तो ये बात सर्वविदित है कि प्रमुख चौराहों ओर व्यस्ततम मार्गो पर कुकुरमुत्ते की तरह पनप चुके अवैध अतिक्रमण जिनमे बीच सड़क तक सामग्री फैलाकर ध्दलके से व्यापार संचालित हो रहे है ओर जिम्मेदार विभाग सिर्फ बैठकी वसूली कर निज लाभ के साथ ही थोड़ा बहुत सरकारी राजस्व में जमा कर रहा है, सूत्रों की माने तो नगर पालिका निगम के जिमेदार अधिकारी भाड़े पर निज कर्मी नियुक्त किये हुए है, जो बाजार बैठकी की वसूली हेतु दो रसीद लेकर चलते है, जिसमे एक शासकीय राजस्व की होती है और दूसरी अधिकारी राजस्व की? अब बात में कितनी सच्चाई है ये तो उंगली उठाने वाले जाने और जिमेदार विभाग के अधिकारी, मुद्दे की बात ये है के स्मार्ट सिटी का ऐसा कोई भी स्थान नही जहाँ अवैध अतिक्रमण कुकुरमत्ते जैसा न फैला हो विशेषतः उत्तर मध्य विधानसभा ओर पूर्व विधानसभा में तो अतिक्रमणकारियों का भारी मकड़ जाल फैला है, सीधी सी बात है सियासतदारों के कृपाहस्त की छांव में ही अवैध अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलन्द है ओर इसी की वानगी है कि कुरूपता का दंश झेल रही स्मार्ट सिटी का यातायात बद से बदतर स्थिति में है और जिम्मेदार चाहे वो सम्बंधित विभाग के अधिकारी हो, पुलिस विभाग के कर्मी हो या जनतः के सेवक सियासत के रुतबेदार जनप्रतिनिधि सब के सब निज लाभ की फुहार का आनंद ले रहे है ओर दिखावे के लिए कठोर कार्यवाही का झुनझुना समय समय पर बजा देते है?