डिंडौरी, रामसहाय मर्दन। जनपद पंचायत डिंडौरी में कार्यरत उपयंत्रियों के हड़ताल पर चले जाने से पंचायतों के कार्य प्रभावित न हों, इसके लिए प्रशासन ने त्वरित कदम उठाया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डिंडौरी द्वारा जारी आदेश में उपयंत्री श्री धमेन्द्र यादव को जनपद पंचायत डिंडौरी के सभी ग्राम पंचायतों का संपूर्ण प्रभार आगामी आदेश तक सौंपा गया है।
जारी आदेश के अनुसार यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी। अब पंचायतों में चल रहे मनरेगा एवं अन्य तकनीकी कार्यों की जिम्मेदारी उपयंत्री धमेन्द्र यादव के पास रहेगी।
— ये रहा पूरा मामला
दरअसल विगत दिनों डिंडौरी जिले में मनरेगा उपयंत्री संघ ने अपनी लंबे समय से लंबित 8 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था। संघ का कहना है कि वे कई वर्षों से शासन-प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत करा रहे हैं, लेकिन अब तक समाधान नहीं हो सका है। संघ ने बताया कि उपयंत्री लगातार शोषण का शिकार हो रहे हैं, इसलिए जब तक मांगों का निराकरण नहीं होता, तब तक उन्होंने कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
— संघ की प्रमुख मांगों
संविदा पारिश्रमिक की गणना नियुक्ति तिथि से सेवा अवधि के आधार पर नियमित उपयंत्री के वेतन के समकक्ष की जाए। उपयंत्री की मृत्यु होने पर आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिले। किसी भी प्रकरण में पद से पृथक करने के बजाय निलंबन की प्रक्रिया अपनाई जाए। आरईएस और मनरेगा उपयंत्रियों की संयुक्त वरिष्ठता सूची के आधार पर सहायक यंत्री का प्रभार दिया जाए। नियमित कर्मचारियों की तरह उपादन (ग्रेच्युटी) का भुगतान किया जाए तथा मृत या सेवानिवृत्त उपयंत्रियों को भी इसका लाभ मिले। संविदा सेवा का नवीनीकरण एक वर्ष के बजाय पांच वर्ष की सीआर के आधार पर किया जाए। उपयंत्रियों से केवल तकनीकी कार्य ही लिया जाए तथा योजना को लक्ष्य आधारित बनाकर शोषण रोका जाए। साथ ही प्रत्येक माह की पहली तारीख को वेतन प्रदाय सुनिश्चित किया जाए।
उपयंत्रियों की हड़ताल से जनपद स्तर पर कई विकास और मनरेगा कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसी बीच प्रशासन ने कार्य की निरंतरता बनाए रखने के उद्देश्य से उपयंत्री धमेन्द्र यादव को सभी ग्राम पंचायतों का प्रभार सौंपकर व्यवस्था सुचारू करने की पहल की है।

