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(डिंडौरी) अंतत : आठ दिन बाद DM के फर्जी आदेश मामले पर FIR दर्ज….

डिंडौरी, राठौर रामसहाय मर्दन| जिले में फर्जी आदेश के माध्यम से प्रशासनिक कार्यों को प्रभावित करने की कोशिश का मामला सामने आया था, जिसमें कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर कर दिनांक 13 मई 2025 का उपयोग करते हुए एक आदेश जारी किया गया था। इस गंभीर मामले में पहले तो करंजिया थाना प्रभारी द्वारा सात दिनों तक FIR दर्ज नहीं की गई, लेकिन अब खबर प्रकाशन और कलेक्टर नेहा मारव्या के निर्देश पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।

थाना करंजिया में दर्ज प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 482, 318(4), और 337 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। एफआईआर में उल्लेख है कि इस फर्जी आदेश के माध्यम से जिला पर्यटन समिति सहित अन्य विभागीय निर्णयों में हस्तक्षेप का प्रयास किया गया था। पुलिस अधीक्षक द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी गई है, और थाना प्रभारी नरेंद्र पाल ने इसकी पुष्टि की है।

इससे पहले, अपर कलेक्टर द्वारा थाना प्रभारी को सात दिन पूर्व शिकायती पत्र सौंपा गया था, जिसमें साफ तौर पर फर्जी आदेश के विरुद्ध FIR दर्ज करने की मांग की गई थी। बावजूद इसके, 7 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे थे। जनता के बीच असंतोष भी देखने को मिला, क्योंकि फर्जीवाड़ा यदि उच्च अधिकारियों के नाम पर हो सकता है और कार्रवाई न हो, तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित रहेंगे?

वहीं थाना प्रभारी नरेंद्र पाल का कहना था कि “बिना मूल पत्र के FIR दर्ज नहीं की जा सकती”, लेकिन अब तहसीलदार करंजिया द्वारा मूल पत्र सौंपे जाने के बाद कार्रवाई की गई है। अब पुलिस जांच जारी है, और सत्यता सामने आने पर दोषियों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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