कागजो में पूरा हुआ नाला विस्तारीकरण,मौके पर नहीं नाला का जीर्णोद्धार….
जिले के बजाग जपनद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सुनपुरी का मामला…
डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| जिले के बजाग जनपद के ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है। बात दे कि यहां आए दिन सरपंच—सचिवों के काले कारनामे प्रकाश में आते रहते है कही फर्जी मस्टर रोल, तो कही बगैर कार्य कराए राशि निकलना या फिर पुराने कार्य को ही नया दिखाकर राशि आहरण करना हो ये आम बात हो गई। वही जिला से लेकर जनपद तक के जिम्मेदार इन पर कार्यवाई करने से बच रहे है। अगर कार्रवाई भी की जाती है तो वह सिर्फ कागजो में ही सिमट कर रह जाती है।
ये रहा पूरा मामला….
दरअसल ऐसा ही मामला बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सुनपुरी का सामने आया है। जहां ग्राम पंचायत सुनपुरी के सरपंच संतोष कुमार और सचिव गजरूप सिंह धुर्वे के द्वारा बिना कार्य कराए ही लगभग 09 लाख की राशि इंजीनियर की मिलीभगत से राशि आहरण कर कार्य को कागजों में पूर्ण बता दिया गया है।
ग्रामीणों ने जानकारी में बताया कि ग्राम पंचायत सुनपुरी में नाला विस्तारीकरण के नाम से करीब 09 लाख की राशि सरपंच और सचिव के द्वारा साठगाठ कर राशि आहरण कर ली गई है जबकि उक्त नाले में आज दिनांक तक कोई कार्य नहीं कराया गया है। बताया गया कि सुनपुरी ग्राम पंचायत के लमसा नाला में नाला विस्तारीकरण के लिए 07 लाख से ज्यादा की राशि मंजूर की गई थी जिसके बाद वहा कार्य कराया जाना था लेकिन सरपंच—सचिव द्वारा बिना कार्य किए ही कागजों पूर्ण बता कर राशि आहरित कर ली गई। वही लमसा नाले में वर्ष 2024 जनवरी माह में कार्य दिखाया गया और मस्टर रोल के माध्यम से मनरेगा के तहत मजदूरी कार्य में नाला विस्तारीकारण के नाम से राशि निकाली गई ,जबकी इस नाले मे न तो कोई कार्य कराया गया और न ही नाले का जीर्णोद्धार किया गया।
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कागजो में पूरा हुआ नाला विस्तारीकरण,मौके पर नहीं नाला का जीर्णोद्धार….जिले के बजाग जपनद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सुनपुरी का मामला…डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| जिले के बजाग जनपद के ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है। बात दे कि यहां आए दिन सरपंच—सचिवों के काले कारनामे प्रकाश में आते रहते है कही फर्जी मस्टर रोल, तो कही बगैर कार्य कराए राशि निकलना या फिर पुराने कार्य को ही नया दिखाकर राशि आहरण करना हो ये आम बात हो गई। वही जिला से लेकर जनपद तक के जिम्मेदार इन पर कार्यवाई करने से बच रहे है। अगर कार्रवाई भी की जाती है तो वह सिर्फ कागजो में ही सिमट कर रह जाती है।ये रहा पूरा मामला….दरअसल ऐसा ही मामला बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सुनपुरी का सामने आया है। जहां ग्राम पंचायत सुनपुरी के सरपंच संतोष कुमार और सचिव गजरूप सिंह धुर्वे के द्वारा बिना कार्य कराए ही लगभग 09 लाख की राशि इंजीनियर की मिलीभगत से राशि आहरण कर कार्य को कागजों में पूर्ण बता दिया गया है।ग्रामीणों ने जानकारी में बताया कि ग्राम पंचायत सुनपुरी में नाला विस्तारीकरण के नाम से करीब 09 लाख की राशि सरपंच और सचिव के द्वारा साठगाठ कर राशि आहरण कर ली गई है जबकि उक्त नाले में आज दिनांक तक कोई कार्य नहीं कराया गया है। बताया गया कि सुनपुरी ग्राम पंचायत के लमसा नाला में नाला विस्तारीकरण के लिए 07 लाख से ज्यादा की राशि मंजूर की गई थी जिसके बाद वहा कार्य कराया जाना था लेकिन सरपंच—सचिव द्वारा बिना कार्य किए ही कागजों पूर्ण बता कर राशि आहरित कर ली गई। वही लमसा नाले में वर्ष 2024 जनवरी माह में कार्य दिखाया गया और मस्टर रोल के माध्यम से मनरेगा के तहत मजदूरी कार्य में नाला विस्तारीकारण के नाम से राशि निकाली गई ,जबकी इस नाले मे न तो कोई कार्य कराया गया और न ही नाले का जीर्णोद्धार किया गया।क्या अधिकारियों की रजामंदी से खुलेआम खेला जा रहा भ्रष्टाचार खेल….जिस तरह से बिना कार्य के ही नाला विस्तारीकरण के नाम से राशि निकली गई और संबंधित ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों सरपंच—सचिव के साथ मिलकर इंजीनियर ने मूल्यांकन कर कार्य को पूर्ण बताया गया जिससे जनपद के जिम्मेदारों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे। आखिर ऊपर पर बैठे उच्चाधिकारी इसको रोक क्यों नहीं पा रहे हैं। यह भी एक बडा सवाल है कि कहीं उच्चाधिकारियों की रजामंदी से यह सब तो नहीं हो रहा है, शायद इसी वजह से उच्चधिकारी मौन रहते हैं, उपर बैठे अधिकारी पंचायतों के कर्मचारियों के काले कारनामों की कभी जांच तक नहीं करते है, कुल मिलाकर कार्रवाई न होना अधिकारियों के कमीशन की तरफ इशारा करता है। क्या आला अधिकारियों की मिलीभगत खुलेआम भ्रष्टाचार को छुपाने का यह खेल खेला जा रहा है।इनका कहना है”अगर नाला विस्तारीकरण के नाम से राशि निकली है और मौके पर कार्य नही हुआ तो मै जांच करवाता हूं और जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाई की जाएगी।मुंशी लाल धुर्वे, जनपद सीेईओ बजाग जिला डिंडौरी।