जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में मुरूम, रेत की अवैध उत्खनन और परिवहन कर माफिया शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहें हैं। सब कुछ जानकर भी जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हुए हैं। अधिकारियों की लापरवाही का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि…..
डिंडौरी(रामसहाय मर्दन)| जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में गौण खनिजों की हो रही अवैध उत्खनन और परिवहन कर माफिया शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहें हैं और सब कुछ जानकर भी जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद हुए हैं। अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला मुख्यालय से सटे रेस्ट हाउस के बाजू में स्वावलंबन भवन मार्ग पर चल रहे अवैध मुरूम उत्खनन को रोकने के लिए भी समय नहीं निकाल पर रहें हैं।
दरअसल जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट कार्यालय से लगभग 300 मीटर के दूरी में माफियाओं के द्वारा दिन रात मुरूम की खुदाई की जा रही है और उक्त मार्ग पर रेस्ट हाउस और छात्रावास होने के वजह से अधिकारियों का आना—जाना 24 घंटा लगा रहता है बावजूद खुलेआम अवैधरुप मुरूम की खुदाई की जा रही है तो सवाल ये उठता है क्या ? के जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में माफियाओं के द्वारा दिन-रात मुरूम की खुदाई की जा रही है। क्या इन खनन माफियाओं पर कभी कोई कर्रवाई भी होगी? या इसी तरह अवैध उत्खनन होता रहेगा।
वही डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा के द्वारा सुबह से लेकर शाम तक गांव—गांव जाकर निर्माण कार्य, छात्रावास ,जनसमस्या, भ्रष्टाचार को रोकने निरीक्षण किया जा रहा और विकास यात्रा भी चल रहा है तो वही कलेक्ट्रेट कार्यालय से चंद मीटर की दूरी पर माफियाओं के द्वारा दिन रात अवैध रूप से मुरूम की खुदाई की जा रही है। “दिया तले अंधेरा” का मुहावरा जिला मुख्यालय में पूरी तरह से चरितार्थ हो रहा है।
एक तरफ जिले भर गली-गली में विकास यात्रा निकाला जा रहा है, तो दूसरी तरफ खुलेआम नियम और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। अब देखना होगा कि क्या कलेक्टर साहब भू माफियाओं को नकेल कसने में कब तक कामयाब होंगे या यू ही चलता रहेगा…?
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डिंडौरी(रामसहाय मर्दन)| जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में गौण खनिजों की हो रही अवैध उत्खनन और परिवहन कर माफिया शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहें हैं और सब कुछ जानकर भी जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद हुए हैं। अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला मुख्यालय से सटे रेस्ट हाउस के बाजू में स्वावलंबन भवन मार्ग पर चल रहे अवैध मुरूम उत्खनन को रोकने के लिए भी समय नहीं निकाल पर रहें हैं।दरअसल जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट कार्यालय से लगभग 300 मीटर के दूरी में माफियाओं के द्वारा दिन रात मुरूम की खुदाई की जा रही है और उक्त मार्ग पर रेस्ट हाउस और छात्रावास होने के वजह से अधिकारियों का आना—जाना 24 घंटा लगा रहता है बावजूद खुलेआम अवैधरुप मुरूम की खुदाई की जा रही है तो सवाल ये उठता है क्या ? के जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में माफियाओं के द्वारा दिन-रात मुरूम की खुदाई की जा रही है। क्या इन खनन माफियाओं पर कभी कोई कर्रवाई भी होगी? या इसी तरह अवैध उत्खनन होता रहेगा।वही डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा के द्वारा सुबह से लेकर शाम तक गांव—गांव जाकर निर्माण कार्य, छात्रावास ,जनसमस्या, भ्रष्टाचार को रोकने निरीक्षण किया जा रहा और विकास यात्रा भी चल रहा है तो वही कलेक्ट्रेट कार्यालय से चंद मीटर की दूरी पर माफियाओं के द्वारा दिन रात अवैध रूप से मुरूम की खुदाई की जा रही है। “दिया तले अंधेरा” का मुहावरा जिला मुख्यालय में पूरी तरह से चरितार्थ हो रहा है।एक तरफ जिले भर गली-गली में विकास यात्रा निकाला जा रहा है, तो दूसरी तरफ खुलेआम नियम और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। अब देखना होगा कि क्या कलेक्टर साहब भू माफियाओं को नकेल कसने में कब तक कामयाब होंगे या यू ही चलता रहेगा…?