सचिव ने कहा: उपयंत्री राजाराम पटेल के मार्गदर्शन में कराया गया निर्माण….
जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत औरई मामला…
डिंडौरी, रामसहाय मर्दन। इन दिनों जिले में सरपंच, सचिव और उपयंत्री की मिलीभगत से घटिया निर्माण कार्य चरम पर है। पंचायतों में स्टॉप डैम निर्माणों के नाम पर की जा रही धांधली के चलते शासन को लाखों रुपए की चपत लगाई जा रही है।
ये रहा पूरा मामला…
दरअसल ताजा मामला जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत औरई का सामने आया है। जहां ग्राम पंचायत के द्वारा चानी टोला के किरहा नाला में ग्राम पंचायत के द्वारा लाखों रुपए खर्च कर चैकडैम का निर्माण तो करा गया जो इतना घटिया स्तर का बनाया गया है कि चंद दिनों में ही निर्माण कार्य में हुई भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है।
बता दें कि लाखों रुपए की लागत से निर्मित चैकडैम की दीवार से पानी तेजी से लीक होकर बह रही है। वहीं मजे की बात यह कि ग्राम पंचायत सचिव राकेश सिंह परस्ते का कहना कि चैकडैम का निर्माण संबंधित उपयंत्री राजाराम पटेल के मार्गदर्शन में कराया गया है। वही उपयंत्री का कहना कि गड़बड़ी हुई है उसे सुधार की जाएगी।
घटिया और गुणवत्ताविहीन निर्माण के बावजूद हो गई भुगतान…
अब सवाल यह उठता है कि जब सरपंच,सचिव और उपयंत्री को पता है कि चैक डैम का निर्माण मापदंड की विपरीत और घटिया हुआ है तो मूल्यांकन नहीं करना था और भुगतान रोक देनी थी लेकिन अपने चहेते ठेकेदार को लाखों रुपए का भुगतान कर शासन को चूना लगाया गया है। वहीं चैकडैम की दुर्दशा देखकर कहना गलत नहीं होगा कि सरपंच, सचिव और उपयंत्री ने मिलीभगत कर अपने चहेते ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने की मंशा से शासन को लाखों रुपए का चपत लगाया जा रहा है। शायद यही वजह कि उपयंत्री राजाराम पटेल के लाखों रुपए की लागत से निर्मित चैकडैम में तबज्जो नहीं दिया जा रहा है। जिसका ठेकेदार खुलकर फायदा उठा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम औरई में पानी की किल्लत को देखते हुए भू-जलस्तर बढ़ाने के उद्देश्य से चैकडैम निर्माण स्वीकृत किया गया। इसके लिए लगभग 12 लाख रुपए स्वीकृत कर पंचायत द्वारा इसका निर्माण कराया गया, लेकिन इसका निर्माण बेहद घटिया स्तर का और मापदंड की विपरीत कराते हुए अनियमितता बरती गई, जिसका ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पाएगा। चंद दिनों पूर्व इसका निर्माण कराया गया है, लेकिन जैसे ही बारिश शुरू हुई, वैसे ही निर्माण कार्य की कलई खुल गई। डैम में सीमेंट, कंक्रीट का मिश्रण ठीक से नहीं किया गया, पहली बारिश के पानी में ही धुलकर दीवार से पानी लीक होने लगा।
सरकार की मंशा है कि डैम निर्माण कर बारिश के पानी को एकत्रित कर सके, ताकि गर्मी के दिनों में ग्रामीणों का इसका लाभ मिल सके,लेकिन घटिया निर्माण के चलते पानी का तेजी से रिसाव हो रहा है। बता दे कि अंदर का हिस्सा भी साफ दिखाई दे रहा है, जिसमें सीमेंट का नामोनिशान नहीं है। वहीं डैम की बाहरी दीवार की भी कंक्रीट निकलने लगी है।बरहाल कुछ ही दिनों में लाखों रुपए की लागत से निर्मित चैकडैम अनुपयोगी साबित हो जाएगा और शासन के लाखों रुपए पानी में बह जाएगा। साथ ही भू-जलस्तर बढ़ाने में भी यह पूरी तरह से नाकाम ही साबित होगा।
चैकडैम से झरना की तरह निकाल रहा पानी….
सरपंच – सचिव और उपयंत्री के द्वारा अपने चहेते ठेकेदार के माध्यम से चैकडैम का निर्माण कराया गया है, इसी का फायदा उठाकर ठेकेदार ने मापदंड के विपरीत निर्माण कराया है। बता दें कि चैकडैम से पानी झरना के तर्ज पर गिर रहा है। जैसे बारिश के दिनों में ऊपरी पहाड़ियों से पानी गिरता है,वैसे ही चैकडैम के बीच दीवार से झरना की तरह तेज गति से पानी गिर रहा है।