डिंडौरी,रामसहाय मर्दन। आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडौरी में मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी तरीके से जमीनों की विक्रय और रजिस्ट्री चरम पर है। ग्रामीण क्षेत्र में यहां किसी भी भोले-भाले आम आदमी की जमीनों को बेचना और पटवारी, दस्तावेज लेखक, साक्षीगण, उप पंजीयक से मिलीभगत करना दलालों के लिए आम बात हो गई, क्योंकि ऐसे मामले जिले भर से लगातार सामने आ रहे है जहां भूमिस्वामिओं के मौत के चंद महीनों सालों के बाद मृत व्यक्तियों के नाम पर जमीन बेचा जा रहा है, क्या डिंडौरी जिले मेें मुर्दे अपनी जमीन बेच रहे और रजिस्ट्री भी करा रहे है, गजब हैं।
दरअसल ऐसा ही मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रयपुरा का आया है, जहां महिला के मौत के दस माह बाद जमीन बेचकर रजिस्ट्री करा गया। वहीं मामले को लेकर पीड़ितों के द्वारा कोतवाली थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक समेत कलेक्टर को शिकायत किया गया लेकिन उक्त मामले में जिम्मेदारों के द्वारा आज तक दोषियों पर कोइ ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बता दे कि यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी दलालों के द्वारा फर्जी तरीके से ग्राम रयपुरा में जमीनों को बेचने के कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा दलालों पर ठोस कार्रवाई नहीं किया गया जिसके कारण दलालों के हौसले और भी बुलंद हैं।
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डिंडौरी,रामसहाय मर्दन। आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडौरी में मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी तरीके से जमीनों की विक्रय और रजिस्ट्री चरम पर है। ग्रामीण क्षेत्र में यहां किसी भी भोले-भाले आम आदमी की जमीनों को बेचना और पटवारी, दस्तावेज लेखक, साक्षीगण, उप पंजीयक से मिलीभगत करना दलालों के लिए आम बात हो गई, क्योंकि ऐसे मामले जिले भर से लगातार सामने आ रहे है जहां भूमिस्वामिओं के मौत के चंद महीनों सालों के बाद मृत व्यक्तियों के नाम पर जमीन बेचा जा रहा है, क्या डिंडौरी जिले मेें मुर्दे अपनी जमीन बेच रहे और रजिस्ट्री भी करा रहे है, गजब हैं।दरअसल ऐसा ही मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रयपुरा का आया है, जहां महिला के मौत के दस माह बाद जमीन बेचकर रजिस्ट्री करा गया। वहीं मामले को लेकर पीड़ितों के द्वारा कोतवाली थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक समेत कलेक्टर को शिकायत किया गया लेकिन उक्त मामले में जिम्मेदारों के द्वारा आज तक दोषियों पर कोइ ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बता दे कि यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी दलालों के द्वारा फर्जी तरीके से ग्राम रयपुरा में जमीनों को बेचने के कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा दलालों पर ठोस कार्रवाई नहीं किया गया जिसके कारण दलालों के हौसले और भी बुलंद हैं।ये रहा पूरा मामलाः-रयपुरा निवासी पीडित महिलाओं ने जिला प्रशासन से शिकायत कर फर्जी तरीके विक्रय कर रजिस्ट्री करने वाले आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। पीडित महिलाओं ने बताया कि वे अपने पिता जौहर सिहं के आठ संतान है। सात बहन कलावती बाई, सुकर बाई ,रतिया बाई , पतिया बाई ,ब्रजकुमारी बाई, कुतमा बाई, समला बाई और एक भाई शिवराज सिहं था जिसकी भी मौत दिनांक 26—02—2022 हो गया।शिकयत पत्र में उल्लेख किया गया कि उक्त पीडितों महिलाओं के पिता जौहर सिहं की कृषि भूमि ख. न. 111 रकवा 2.090 भूमि ग्राम रयपुरा प. ह.नं. डिंडौरी में स्थित है। पिता जौहर सिंह के मौत के बाद मां बुधवरिया बाई और भाई शिवराज सिंह के नाम पर दर्ज रहा है। वहीं मां बुधवरिया बाई की मृत्यु दिनांक 26-04-2021 को ही गई थी लेकिन मां की मौत के बाद नाम भूमिस्वामी के खाता से नहीं कटा था।पीड़ित ने आरोप लगाया कि मां के मौत के बाद खाता से नाम नहीं कटाने का फायदा उठाकर ग्राम मलखोहा निवासी रायसिंह श्याम पिता पुन्नूसिंह श्याम के द्वारा रयपुरा हल्का पटवारी, दस्तावेज लेखक गया प्रसाद दुबे, उप पंजीयक डिंडौरी, साक्षी नंदकुमार श्याम पिता पन्नू लाल, पचम पड़वार पिता बिलखर के द्वारा मिलीभगत हमारी पैतृक संपत्ति को दिनांक 02-02-2022 को फर्जी महिला को बुधवरिया बाई बनाकर भूमि ख. नं. 111रकवा 2.02 हेक्टेयर जमीन को राय सिंह श्याम के नाम पर विक्रय पत्र लिखवाकर पंजीयन कर लिया गया। जबकि भूमि स्वामी बुधवारिया बाई की दिनांक 26-04-2021 को मौत हो चुकी थी, और भाई शिवराज सिहं के द्वारा भी जमीन की विक्रय पंजीयन नहीं कराया गया नहीं जमीन विक्रय को उसे के जानकारी थी, जिसकी मौत 26—02—2022 हो चुका। और किसी अन्य व्यक्तियों के द्वारा फर्जी हस्ताक्षर, फोटो खिंचवाकर कर जमीन की रजिस्ट्री करा लिया गया है। वहीं पीड़ितों का आरोप है कि उक्त जमीन अनावेदक रायसिंह के द्वारा पटवारी, दस्तावेज लेखक, साक्षीगण,उप पंजीयक से मिलीभगत कर फर्जी भूमिस्वामी फर्जी (बुधवारिया बाई, शिवराज सिंह) बनाकर 5 एकड़ भूमि फर्जी तौर विक्रय कर रजिस्ट्री करा ली गई ।बता दे कि भूमि स्वामी की मौत के 10 महीने बाद जमीन विक्रय और रजिस्ट्री मामले को लेकर पीडितों बेटिया अब न्याय के लिए दर-दर भटक रहे है। बड़ी बात यह कि उक्त मामले की शिकायत पीड़ितों के द्वारा कलेक्टर ,एसपी और कोतवाली थाना प्रभारी से की गई लेकिन आज तक जिम्मेदारों द्वारा आरोपियों के विरूध्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।वहीं अब देखने वाली बात यह होगी की जिम्मेदार अधिकारी कब मृत महिला भूमि स्वामी बुधवारिया बाई की जगह अन्य फर्जी महिला मामले में जांच कर कार्रवाई करते है या फिर जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा आरोपी रायसिंह के साथ मलीभगत करने वाले पटवारी, दस्तावेज लेखक, साक्षीगण, उप पंजीयक के विरूध्द कार्रवाई होगी या फिर अभयदान मिलता रहेगा।इनका कहना है”उक्त मामले की जानकारी मुझे नहीं थी शिकायत की जांच करा दोषियों विरूध्द कार्रवाई की जाएगी।अखिल पटेल, पुलिस अधीक्षक डिंडौरी।उक्त मामले के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है , शिकायत की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।राम बाबू देवांगन , एसडीएम डिंडौरी
ये रहा पूरा मामलाः-
रयपुरा निवासी पीडित महिलाओं ने जिला प्रशासन से शिकायत कर फर्जी तरीके विक्रय कर रजिस्ट्री करने वाले आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। पीडित महिलाओं ने बताया कि वे अपने पिता जौहर सिहं के आठ संतान है। सात बहन कलावती बाई, सुकर बाई ,रतिया बाई , पतिया बाई ,ब्रजकुमारी बाई, कुतमा बाई, समला बाई और एक भाई शिवराज सिहं था जिसकी भी मौत दिनांक 26—02—2022 हो गया।
शिकयत पत्र में उल्लेख किया गया कि उक्त पीडितों महिलाओं के पिता जौहर सिहं की कृषि भूमि ख. न. 111 रकवा 2.090 भूमि ग्राम रयपुरा प. ह.नं. डिंडौरी में स्थित है। पिता जौहर सिंह के मौत के बाद मां बुधवरिया बाई और भाई शिवराज सिंह के नाम पर दर्ज रहा है। वहीं मां बुधवरिया बाई की मृत्यु दिनांक 26-04-2021 को ही गई थी लेकिन मां की मौत के बाद नाम भूमिस्वामी के खाता से नहीं कटा था।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि मां के मौत के बाद खाता से नाम नहीं कटाने का फायदा उठाकर ग्राम मलखोहा निवासी रायसिंह श्याम पिता पुन्नूसिंह श्याम के द्वारा रयपुरा हल्का पटवारी, दस्तावेज लेखक गया प्रसाद दुबे, उप पंजीयक डिंडौरी, साक्षी नंदकुमार श्याम पिता पन्नू लाल, पचम पड़वार पिता बिलखर के द्वारा मिलीभगत हमारी पैतृक संपत्ति को दिनांक 02-02-2022 को फर्जी महिला को बुधवरिया बाई बनाकर भूमि ख. नं. 111रकवा 2.02 हेक्टेयर जमीन को राय सिंह श्याम के नाम पर विक्रय पत्र लिखवाकर पंजीयन कर लिया गया। जबकि भूमि स्वामी बुधवारिया बाई की दिनांक 26-04-2021 को मौत हो चुकी थी, और भाई शिवराज सिहं के द्वारा भी जमीन की विक्रय पंजीयन नहीं कराया गया नहीं जमीन विक्रय को उसे के जानकारी थी, जिसकी मौत 26—02—2022 हो चुका। और किसी अन्य व्यक्तियों के द्वारा फर्जी हस्ताक्षर, फोटो खिंचवाकर कर जमीन की रजिस्ट्री करा लिया गया है। वहीं पीड़ितों का आरोप है कि उक्त जमीन अनावेदक रायसिंह के द्वारा पटवारी, दस्तावेज लेखक, साक्षीगण,उप पंजीयक से मिलीभगत कर फर्जी भूमिस्वामी फर्जी (बुधवारिया बाई, शिवराज सिंह) बनाकर 5 एकड़ भूमि फर्जी तौर विक्रय कर रजिस्ट्री करा ली गई ।
कलेक्टर, एसपी और थाना प्रभारी से शिकायत के बावजूद आरोपियों के विरूध्द नहीं हो रही कार्रवाई….