डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| आदिवासी बाहुल्य जिले में भ्रष्ट तंत्र के पैरोकारों ने चारागाह बना रखा है भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाने वाले ये तथाकथित अजगर की तरह कुंडली मारकर बैठे हुए है इनकी हतधर्मिता की हद तो तब हो जाती है जब ये शासन के तमाम नियमों की बेखौफ धज्जियां उड़ाते है चंद सफेद पोस नेताओं के रहमों करम पर मुद्दे की बात है कि वन परिक्षेत्र शाहपुर का जहां पदस्थ वन रक्षक मनोज दुबे बनाम बाबू जो लंबे समय से शाहपुर में पदस्थ हैं गौरतलब है कि विगत दिनों अन्य विभागों सहित वन विभाग में भी स्थानांतरण हुए है जिसमें मनोज दुबे का स्थानांतरण शाहपुर से विशेष कर्तव्य दक्षिण समनापुर बीट जीलंग नई पदस्थापना के आदेश हुए है जिसकी आदेश की कॉपी तमाम जिम्मेदार अधिकारियों सहित भाजपा जिलाध्यक्ष को भी सूचनार्थ भेजी गई है।
यहां यक्ष प्रश्न यह है कि कार्यालय वन मंडल अधिकारी सामान्य वनमण्डल डिंडौरी के नाम स्थानांतरण आदेश दिनांक 7/07/2023 को गया था बावजूद इसके वन रक्षक मनोज दुबे को अब तक वन परिक्षेत्र शाहपुर से कार्य मुक्त नहीं किया गया है जो सवालों के घेरे में है की शाहपुर वन परिक्षेत्र से उक्त वन रक्षक का प्रेम मोह कुर्सी से क्यों नहीं छूट रहा है आखिरकार इनको संरक्षण किसका प्राप्त जो शासन के आदेश भी इनके सामने महज कागज का टुकड़ा साबित हो रहा है आगे देखना रोमांचक होगा की यह शाहपुर वन परिक्षेत्र से कार्य मुक्त कब होंगे या यूं ही अजगर की तरह कुंडली मारकर भ्रष्टाचार की चांदी काटते रहेंगे ।
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डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| आदिवासी बाहुल्य जिले में भ्रष्ट तंत्र के पैरोकारों ने चारागाह बना रखा है भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाने वाले ये तथाकथित अजगर की तरह कुंडली मारकर बैठे हुए है इनकी हतधर्मिता की हद तो तब हो जाती है जब ये शासन के तमाम नियमों की बेखौफ धज्जियां उड़ाते है चंद सफेद पोस नेताओं के रहमों करम पर मुद्दे की बात है कि वन परिक्षेत्र शाहपुर का जहां पदस्थ वन रक्षक मनोज दुबे बनाम बाबू जो लंबे समय से शाहपुर में पदस्थ हैं गौरतलब है कि विगत दिनों अन्य विभागों सहित वन विभाग में भी स्थानांतरण हुए है जिसमें मनोज दुबे का स्थानांतरण शाहपुर से विशेष कर्तव्य दक्षिण समनापुर बीट जीलंग नई पदस्थापना के आदेश हुए है जिसकी आदेश की कॉपी तमाम जिम्मेदार अधिकारियों सहित भाजपा जिलाध्यक्ष को भी सूचनार्थ भेजी गई है।यहां यक्ष प्रश्न यह है कि कार्यालय वन मंडल अधिकारी सामान्य वनमण्डल डिंडौरी के नाम स्थानांतरण आदेश दिनांक 7/07/2023 को गया था बावजूद इसके वन रक्षक मनोज दुबे को अब तक वन परिक्षेत्र शाहपुर से कार्य मुक्त नहीं किया गया है जो सवालों के घेरे में है की शाहपुर वन परिक्षेत्र से उक्त वन रक्षक का प्रेम मोह कुर्सी से क्यों नहीं छूट रहा है आखिरकार इनको संरक्षण किसका प्राप्त जो शासन के आदेश भी इनके सामने महज कागज का टुकड़ा साबित हो रहा है आगे देखना रोमांचक होगा की यह शाहपुर वन परिक्षेत्र से कार्य मुक्त कब होंगे या यूं ही अजगर की तरह कुंडली मारकर भ्रष्टाचार की चांदी काटते रहेंगे ।