कार्यपालन यंत्री के आदेश को ठेंगा दिखा रहे उपयंत्री और सहायक यंत्री…
जनपद पंचायत अमरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत झिलमिला का मामला….
पांच दिवस बीत जाने के बाद भी प्रस्तुत नही किया गया जवाब…
डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| जिले में अधिकारी ही सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं पर पलीता लगाते दिख रहे हैं, कहने का आशय यह कि जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं होती है। दिखावे के लिए छोटी मोटी कार्रवाई जरूर कर दी जाती है। मुद्दे की बात है कि ऐसा ही मामल जनपद पंचायत अमरपुर में देखने को मिला है, जहां निर्माणाधीन तालाब फूटने पर उपयंत्री और सहायक यंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था,उनसे 3 दिन में जबाव तलब किया गया था,लेकिन 5 दिन बाद भी उपयंत्री और सहायक यंत्री ने कोई जबाव नहीं दिया है। कार्यपालन यंत्री के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं, जिससे उन पर कार्रवाई भी हो सकती है,फिर भी अधिकारी उन्हें बचाने में लगे हुए हैं। जानकारी के अनुसार उपयंत्री और सहायक यंत्री को ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे सभी प्रकार के निर्माण कार्य चलने के दौरान निरीक्षण, निगरानी और गुणवत्तापूर्वक पूर्ण कराने के निर्देश है, लेकिन उपयंत्री और सहायक यंत्री के द्वारा अपने कर्तव्यों को बेहतर ढंग से निर्वहन नहीं किया जा रहा है। साथ ही लगातार निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है। बीते दिनों जनपद पंचायत अमरपुर के ग्राम पंचायत झिलमिला के पोषक ग्राम पथरिया में लाखों रुपए की लागत से नव निर्माणाधीन तालाब टूटने का मामला सामने आया था। नव निर्माणाधीन तालाब टूटने के मामले को संज्ञान में लेते हुए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, सभांग डिंडौरी कार्यपालन यंत्री ने उपयंत्री मन्ना लाल जाधव और प्रभारी सहायक यंत्री के.पी.दुबे को तालाब टूटने से संबंधित प्रतिवेदन तीन दिवस के भीतर प्रस्तुत करने को कहा गया था, लेकिन 5 दिन बाद भी उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के द्वारा जवाब प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। दरअसल ग्राम पंचायत झिलमिला के पथरिया में मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपए की लागत से तालाब निर्माण कार्य कराया गया है, लेकिन निर्माण ऐजेंसी के द्वारा गुणवत्ताविहीन निर्माण कराए जाने के कारण तालाब टूट गया था। विगत दिनों हुई बारिश ने जिम्मेदारों द्वारा कराए गए तालाब निर्माण में की गई अनियतित्ताएं की पोल खोल दी थी।
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डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| जिले में अधिकारी ही सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं पर पलीता लगाते दिख रहे हैं, कहने का आशय यह कि जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं होती है। दिखावे के लिए छोटी मोटी कार्रवाई जरूर कर दी जाती है। मुद्दे की बात है कि ऐसा ही मामल जनपद पंचायत अमरपुर में देखने को मिला है, जहां निर्माणाधीन तालाब फूटने पर उपयंत्री और सहायक यंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था,उनसे 3 दिन में जबाव तलब किया गया था,लेकिन 5 दिन बाद भी उपयंत्री और सहायक यंत्री ने कोई जबाव नहीं दिया है। कार्यपालन यंत्री के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं, जिससे उन पर कार्रवाई भी हो सकती है,फिर भी अधिकारी उन्हें बचाने में लगे हुए हैं। जानकारी के अनुसार उपयंत्री और सहायक यंत्री को ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे सभी प्रकार के निर्माण कार्य चलने के दौरान निरीक्षण, निगरानी और गुणवत्तापूर्वक पूर्ण कराने के निर्देश है, लेकिन उपयंत्री और सहायक यंत्री के द्वारा अपने कर्तव्यों को बेहतर ढंग से निर्वहन नहीं किया जा रहा है। साथ ही लगातार निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है। बीते दिनों जनपद पंचायत अमरपुर के ग्राम पंचायत झिलमिला के पोषक ग्राम पथरिया में लाखों रुपए की लागत से नव निर्माणाधीन तालाब टूटने का मामला सामने आया था। नव निर्माणाधीन तालाब टूटने के मामले को संज्ञान में लेते हुए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, सभांग डिंडौरी कार्यपालन यंत्री ने उपयंत्री मन्ना लाल जाधव और प्रभारी सहायक यंत्री के.पी.दुबे को तालाब टूटने से संबंधित प्रतिवेदन तीन दिवस के भीतर प्रस्तुत करने को कहा गया था, लेकिन 5 दिन बाद भी उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के द्वारा जवाब प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। दरअसल ग्राम पंचायत झिलमिला के पथरिया में मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपए की लागत से तालाब निर्माण कार्य कराया गया है, लेकिन निर्माण ऐजेंसी के द्वारा गुणवत्ताविहीन निर्माण कराए जाने के कारण तालाब टूट गया था। विगत दिनों हुई बारिश ने जिम्मेदारों द्वारा कराए गए तालाब निर्माण में की गई अनियतित्ताएं की पोल खोल दी थी।पांच दिनों पहले हुआ था कारण बताओ नोटिस जारी….कार्यपालन यंत्री ने तालाब निर्माण में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर जवाब प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि ग्राम पथरिया ग्रा.पं. झिलमिला जनपद पंचायत अमरपुर में मनेरगा मद अंतर्गत कराये जा रहे तालाब निर्माण कार्य टूटने की जानकारी मिली है। जो कार्य से संबंधित स्वीकृत तकनीकी प्राक्कलन नस्थी प्रशासकीय स्वीकृति, कार्य पर व्यय विवरण सामग्री, मजदूरी एंव निर्माण कार्य से संबंधित माप पुस्तिका प्राप्त कर कार्यालय में प्रस्तुत करें. स्ट्रेक्चर टूटने से संबंधित प्रतिवेदन तीन दिवस के अंदर दें अन्यथा आपको सौंपे गये कार्यदायित्वों में लापरवाही बरतने के कारण म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी, जिसके लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।