डिंडौरी| जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित इकाई कृषि विज्ञान केंद्र डिंडौरी एवं कार्ड संस्था के संयुक्त तत्वाधान में प्राकृतिक एवं जैविक खेती के संबंध में ग्राम शर्मापुर एवं बालपुर मॉल का निरीक्षण किया गया। कार्यक्रम डॉ पी.एल.अंबुलकर वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख के मार्गदर्शन में संपादित हुआ! ग्राम शर्मापुर में मंगल सिंह ,सुमन बाई, थान सिंह के यहां सब्जी उत्पादन, हल्दी, बैगानी अरहर, मुर्गी एवं मछली पालन गतिविधियों का अवलोकन कृषि विज्ञान केंद्र से वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी रेणु पाठक, उद्यानिकी विशेषज्ञ अवधेश पटेल और रावे छात्रों के द्वारा किया गया, जिसमें देखा गया कि किसानों द्वारा खेत की मेढ़ में बैगानी अरहर साथ ही फलदार पौधे भी लगाए गए। प्राकृतिक एवं जैविक खेती हेतु किसानों के पास गाय, भैंस, बैल पशु है जिनका उत्पादन दूध उत्पादन के साथ साथ गोबर एवं गौमूत्र का उपयोग देसी खाद बनाने में किया जा रहा है, किसानों के पास केंचुआ खाद बनाने हेतु वर्मी पिट भी है जिससे इसका संग्रहण आसान है और केचुआ खाद बनाने में भी आसानी होंगी। ग्राम शर्मापुर में चर्चा के दौरान किसानों द्वारा बताया गया कि प्राकृतिक खेती के लिए राष्ट्रीय गठबंधन कार्यक्रम अंतर्गत कार्ड संस्था द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए है, साथ ही खरीफ एवं रबी सीजन में किसानों को आवश्यतानुसार बीज वितरित किया गया एवं समय समय पर किसानों को खेत जुताई, बीज उपचार एवं जैविक खाद निर्माण हेतु डिमॉन्सट्रेशन आयोजित किए जा रहे है, जिससे किसानों का रुझान खेती के साथ सब्जी उत्पादन, मछली एवं मुर्गी पालन हेतु बढ़ रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि कृषि आय का प्रमुख साधन बन सके, और किसानों की बीज एवं खाद के संबंध में निर्भरता कम हो सके। किसान उन्नत तरीके से मिश्रित खेती कर ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सके। रेणु पाठक वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी द्वारा कृषि में महिलाओं की सहभागिता संबंध में जानकारी साझा की गई साथ ही प्राकृतिक एवं जैविक खेती की समझ जानने हेतु सभी हितग्राहियों से चर्चा की गई, जिसमे हितग्राहियों में सकारात्मक रुझान दिखा। ग्राम शर्मापुर में सामुदायिक तालाब का भी निरीक्षण किया गया, जिसमे मछली पालन के लिए किसान कार्यरत है। इसके बाद टीम बालपुर मॉल के किसान सोनू परस्ते एवं गोमती बाई मार्को, संगीता धुर्वे से जाकर मिली जिनके द्वारा सब्जी उत्पादन में गोभी, बंदा गोभी,आलू, टमाटर,प्याज,मिर्ची,बैगन, लाल भाजी, पालक भाजी आदि एवं रबी फसल की बुवाई, जैविक खाद निर्माण एवं बीज उपचार गतिविधियों का अवलोकन किया गया। बालपुर मॉल के किसान मिश्रित एवं एकीकृत कृषि पद्धति को अपना रहे है। बीज उपचार के लिए किसान कल्चर के साथ साथ गौमूत्र , गुड़ ,मेढ़ की मिट्टी से बने बीजामृत का उपयोग कर रहे हैं। साथ ही फसल वृद्धि के लिए जीवामृत, घन जीवामृत का उपयोग किया जा रहा है। कीटनाशक के लिए किसान अग्निनास्त्र, ब्रह्मास्त्र एवं निमास्त्र का उपयोग कर रहे है। इसका प्रशिक्षण इनके द्वारा एनसीएनएफ कार्यक्रम अंतर्गत केवीके के वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त किया है। अवधेश पटेल द्वारा किसानों को सब्जी उत्पादन के संबंध में तकनीकी जानकारी प्रदान की गई, जिसमे अधिक से अधिक मचान पद्धति एवं पैरा मल्चिंग को अपनाने हेतु सलाह दिया गया। अभी किसानों ने शुरुआती दौर में अपनी कुछ जमीन के साथ प्राकृतिक खेती शुरू किए है, जिसमें तकनीकी सहयोग कृषि वुज्ञान केंद्र और कार्ड संस्था के माध्यम से दिया जा रहा है। कार्ड संस्था प्रबंधक रमाशंकर द्वारा बताया गया कि उत्पादन एवं आय को ध्यान में रखते हुए इसे धीरे धीरे बड़े पैमाने पर तकनीकी जानकारी के साथ करने की योजना है, प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा किसान इससे जुड़े, जिसके लिए आईईसी सामग्री के साथ विषय विशेषज्ञ का भी उपयोग किया जा रहा है। सभी किसान स्वेच्छा से इसमें शामिल होकर कृषि कर रहे हैं, साथ ही ग्राम के अन्य किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। निरीक्षण के दौरान शर्मापुर एवं बालपुर मॉल के किसानों के साथ कृषि विज्ञान केंद्र की टीम , रावे छात्र एवं कार्ड संस्था से रामशंकर गर्ग एवं दौलत सिंह उपस्थित रहे।