डिण्डौरी| मीडिया सेल प्रभारी/अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार वर्मा अनुसार बताया गया कि, दिनांक 29/04/2002 से 13/08/2004 तक आरोपी 1. रंजीत सिंह पटेल पिता शिवाजी उम्र 37 वर्ष 2. अतुल विश्वकर्मा पिता जयराम उम्र 42 वर्ष 3. सुभाष पटेल पिता महेन्द्र प्रताप उम्र 45 वर्ष 4. मोहर सिंह बघेल पिता राजेन्द्र सिंह 5. नरेन्द्र जोशी पिता रामनिवास उम्र 38 वर्ष 6. वीरेन्द्र सिंह पिता जवर सिंह गुर्जर उम्र 50 वर्ष एवं आरोपी 7. अवधेश शर्मा पिता नाथूराम उम्र 43 वर्ष के द्वारा थाना डिण्डौरी अंतर्गत स्थित कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डिण्डौरी एवं मध्यप्रदेश शासन के साथ छल करने के आशय से अन्यत्र जिलों से ट्रांसफर उपरांत जिला डिण्डौरी में पदस्थापना होने एवं संचालनालय स्वास्थ्य सेवाए म0प्र0 भोपाल के नियुक्ती आदेश संबंधी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पदभार ग्रहण करने एवं म0प्र0 शासन की योजनाओं के तहत अन्य अभिलाभ प्राप्त करने के आशय से अपराध कारित किया गया । उक्त मामले में थाना डिण्डौरी द्वारा उक्त आरोपिया के विरूद्ध अपराध क्र0 54/2005 धारा 420, 406, 467, 468, 471, 171 भादवि अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना पश्चात न्यायालय में पेश किया ।
उक्त मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डिण्डौरी द्वारा सभी आरोपी 1. रंजीत सिंह पटेल पिता शिवाजी उम्र 37 वर्ष 2. अतुल विश्वकर्मा पिता जयराम उम्र 42 वर्ष 3. सुभाष पटेल पिता महेन्द्र प्रताप उम्र 45 वर्ष 4. मोहर सिंह बघेल पिता राजेन्द्र सिंह 5. नरेन्द्र जोशी पिता रामनिवास उम्र 38 वर्ष 6. वीरेन्द्र सिंह पिता जवर सिंह गुर्जर उम्र 50 वर्ष एवं आरोपी 7. अवधेश शर्मा पिता नाथूराम उम्र 43 वर्ष को धारा 420 भादवि के अपराध के लिए प्रत्येक को 03-03 वर्ष सश्रम कारावास एवं 3000-3000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 467 भादवि के अपराध के लिए प्रत्येक को 05-05 वर्ष सश्रम कारावास की सजा एवं 5000-5000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 468 भादवि के अपराध के लिए प्रत्येक को 03-03 वर्ष सश्रम कारावास एवं 3000-3000 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 471 भादवि के अपराध के लिए प्रत्येक को 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000-2000/- रूपये के अर्थदण्ड की राशि से दण्डित किया गया । अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर प्रत्येक को क्रमश: धाराओं में 06-06-06-06 माह अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने के आदेश पारित किये गये । उक्त मामले में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक आर. के. दुबे द्वारा सशक्त संचालन किया गया ।