डिंडौरी (रामसहाय मर्दन)। जिले भर में इन दिनों किसान धान के रोपाई एवं व्यासी कार्य में लगे हुए हैं पर बारिश न होने से चिंता भी बढ़ा दी है। बता कि जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में बहुत कम बारिश हुआ है जिससे किसान धान की रोपाई नहीं कर पा रहा है । इन दिनों किसानों की नजर आसमान में छाए बादलों की ओर टकटकी लगाए हुए हैं कि कब बारिश हो और उनके खेतों में पानी हो। इसलिए ग्रामीण अंचलों बरहाल परेशान अन्नदाता तरह-तरह के टोटके करने में लगे हुए हैं।
◆ चांदरानी में बच्चों ने मेंदो बाई नचाकर किया टोटका:-
चांदरानी में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पानी बरसाने मेंदो बाई नचाते नजर आए और यह गीत भी गाते रहे “मेंदो बाई पानी दे धान कोदो पाकन दे” इस तरह से गाते हुए घर- घर गए और घरों से दाल चावल एकत्रित कर गांव से बाहर जाकर हर घरों से मिले दाल चावल को पकाकर खाए। यह पुरानी मान्यता परंपरा वर्षों से चली आ रही है जिसमें बड़े बुजुर्गों का कहना है कि मेंढक के बच्चे को मूसल में बांध लिया जाता है और मूसल को दो लोग कंधे में रख लेते हैं और घर-घर जाते हैं हर घर से एक लोटा पानी में मेंढक के बच्चे को नहलाते हैं और गाते हैं कि “मैंदो बाई पानी दे धान कोदो पाकन दे” इस तरह से हर घर से कुछ दाल चावल भी दी जाती हैं जिसे मैंदो बाई नचाने वाले लड़के गांव से बाहर ले जाकर पका कर खाते जिससे बारिश होने की संभावना पूर्ण रूप से बनी रहती है और बारिश भी पर्याप्त मात्रा में होता है। इसी परंपरा के चलते आज ग्राम चांदरानी निवासी रामू सिंह राजपूत भारतीय किसान संघ कोषाध्यक्ष इकाई समनापुर एवं किसान कामता सिंह, संजू सिंह दिलीप सिंह, संतोष सिंह लखन सिह राजपूत ने बच्चों के साथ गांव का भ्रमण किया।