◆ अधिकारियों की नजर के सामने बाल श्रमिक कर रहे बच्चे:-
डिंडौरी (रामसहाय मर्दन) मध्यप्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी ड्रीम प्रोजेक्ट सीएम राईज जो पूरे जिले में चल रहा है इसी क्रम में विकासखंड अमरपुर की रानी अवंती बाई शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में प्रारंभ होने की जानकारी लगी है, जहां पुराने भवनों की मरम्मत कर रंग रोगन किया जा रहा है। साथ ही पुराने जीण शीण भवनों शौचालयों को जमींदोज कर नए भवनों का निर्माण किया जा रहा है। जहां ब्लॉक स्तर के साथ जिले के अधिकारियों का सतत निरीक्षण हो रहा है। जहां जिले के कलेक्टर, संभाग के सम्भागायुक्त का दौरा भी हो चुका है, जिले के सहायक आयुक्त भीषण गर्मी में दिन-दिन भर बैठ कर निर्माण कार्य में गति लाई गई है, जहां इन अधिकारियों की नजर के सामने बाल श्रमिक मजदूरी कर रहे है। जबकि शासन प्रशासन की स्पष्ट निर्देश है कि जहां भी बाल श्रमिक काम करते दिखाई दे तुरंत कठौर कार्रवाई की जाए मगर जहां जिला स्तर के अधिकारियों के सामने बाल श्रमिक लगे हैं इससे क्या कहा जा सकता है यही बाल श्रमिक निजी संस्थाओं में लगे होते तो है, यही अधिकारी कार्यवाही करने की धमकी देते मगर यहां शासन प्रशासन की अलावा तीसरी आंख कलमवीर के रूप में है जिसकी तीसरी नजर से शायद ही कोई कोई बच पाए। इस प्रकार सभी निर्माण कार्य में बाल श्रमिक लगे हुए हैं परंतु श्रम विभाग की उदासीनता के कारण बाल श्रमिक कानून का उल्लंघन होते देखा जा रहा है। चाहे शासकीय कार्य हो यह फिर अशासकीय कार्य ही क्यों ना हो साथ ही निर्माण सामग्री हो अन्य सामग्री लाखों की खरीदी कर ली जाती है, परंतु कभी विज्ञापित प्रकाशित नहीं किया जाता है, इस प्रकार की क्षेत्र में अनियमितताएं व्याप्त हैं।
◆ नियमों कानूनों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां:-
सरकार द्वारा निर्धारित नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। नाबालिग बच्चों से सीएम राईज स्कूल में बन रहे निर्माणाधीन हाई स्कूल के भवन निर्माण कार्य में काम कराया जा रहा है। काम करने वाले कई बच्चे मध्य विद्यालय के विद्यार्थी है। इन्हें मजदूरी का भुगतान 200 रुपए मिलता है। जिस उम्र में इनके हाथों में किताबे और पेन होना चाहिये था, उस उम्र में इन बच्चों के हाथों में फावड़ा, कुदाल व बालू से भरे तसले देकर काम कराया जा रहा है। एक तरफ जहां देश के नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ यहां काम कराने के लिए नौनिहालों के भविष्य से खुले आम खिलवाड़ हो रहा है। ऐसे में क्या देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे कुछ बन पाएंगे या माता-पिता गांव नगर का नाम रोशन करेंगे ऐसी स्थिति में प्रशासन से लेकर आला अधिकारी नेता किसी को बाल मजदूरी एवं आने वाले समय के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता नहीं दिखाई दे रहा हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी से लेकर कार्य स्थल पर काम कराने वाले कर्मचारियों द्वारा इनकी अनदेखी की जा रही है। वैसे तो बाल श्रम कराना कानूनन अपराध है। लेकिन यहां न तो काम कराने वालों को इसका डर है और न ही जिम्मेदार अधिकारियों को देखना यह होगा कि जिला प्रशासन जिम्मेदारों पर कार्रवाई करता है या हमेशा तरह की नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वालों को क्षमादान मिलता रहेगा।