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डिंडौरी(रामसहाय मर्दन) जीवन के लिए भोजन उतना ही जरूरी है, जितना कि साॅस लेने के लिए हवा,लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा इन जरूरी संसाधनों को दरकिनार करते हुए सरकार के महात्वाकांक्षी योजनाओं को सूचारू रूप से क्रियान्वन करने में बड़ी गड़बडी किया जा रहा है। गरीब/निर्धन परिवारों को मिलने वाली राषनकार्ड धरियों को प्रति माह प्रत्येक सदस्य के हिसाब से चावल, नमक समेत अन्य सामग्रियों का वितरण किये जाने का प्रावधान है,किंतु राशन वितरण प्रभारी के द्वारा राशन न देकर पैसा वितरण किया जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि राशन दुकानों में पर्याप्त राशन नही आ रही है या फिर गायब करने का खेल चल रहा है। साथ ही यदि दुकान में राषन नही आ रही है,तो राशनकार्ड धारियों को विक्रेता अपने जेब से पैसा वितरण किया जा रहा है या फिर संबंधित विभाग के अफसरों के इसारे पर जिम्मेदारों के द्वारा वितरण कराया जा रहा है…..? आखिरकार शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में समय में राषन न आना,जिम्मेदारों के द्वारा पैसा वितरण कराना,इसकी भनक अधिकारियों को क्यों नही लग रही है..? या फिर राशन के बदले पैसा वितरण कराने के पीछे अधिकारियों का हाथ है,इस मामले की निष्पक्षता से जाॅच होने पर सारी सच्चाई सामने आ सकती है। मामला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित कुकर्रामठ के शासकीय उचित मूल्य की दुकान कुकर्रामठ का सामने आया है,जहाॅ पर ग्रामीणों ने विक्रेता पर राषन के बदले पैसा वितरण किये जाने का आरोप लगाया है। ग्राम पंचायत कुकर्रामठ के ग्रामीणों का आरोप है कि विक्रेता तुलाराम ठाकुर के द्वारा पात्र राषनकार्ड धारियों से पहले फिंगर लगवाया जाता है, इसके बाद राषन आज मिलेगा कल मिलेगा कहकर कई महीने से चक्कर लगवा रहा है,किंतु अभी तक राशन नही दिया गया है। ऐसे कहते – कहते तीन महीने गुजर गया पर राशन देने का नाम नही ले रहा है। यह भी आरोप है कि गाॅव के कुछ मोहल्ले में राषन के बदले पैसा वितरण कर बकायदा रजिस्टर में नाम दर्ज किया जा रहा है।ग्रामवासी कर रहे हैं विरोध ग्रामीणों का आरोप है कि षासकीय उचित मूल्य की दुकान के विक्रेता तुलाराम ठाकुर के द्वारा गाॅव के मोहल्ले – मोहल्ले जाकर राषन के बदले पैसा वितरण किया जा रहा है, कुछ राषनकार्ड धारी पैसा ले रहे है वहीं कुछ लोग पैसा लेने से इंकार कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमें राषन चाहिए पैसा नही चाहिए। जानकारी में ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि जिनके पास जीवन यापन के लिए पर्याप्त अनाज है,वह ले रहे है,किंतु जिनके पास दो वक्त की खाने के लिए अनाज ही नही है,वह कहा से पायेगा। उन्होंने कहा कि विक्रेता के द्वारा प्रत्येक सदस्य को 15 रू प्रति किलो के हिसाब से पैसा दे रहा है,उससे दो गुना ज्यादा बजारों में अनाजों की दाम है,हम बाजारों से अनाज खरीदने के लिए सक्षम नही है। ऐसे स्थिति में जिम्मेदारों पर गरीब परिवारों के हक में डाका डालने की कहावत फिट बैठ रही है।इनका कहना है….शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में राषन के बदले पैसा वितरण करने का प्रावधान नही है। इस प्रकार की मामला आपके माध्यम से प्राप्त हुई है। मामले की जाॅच कर संबंधित के विरूध्द उचित कार्रवाई की जाएगी।नितिन जयसवाल,कनिष्ठ अपूर्ति अधिकारी,डिंडौरी
प्रत्येक राशनकार्ड धारियों को 15 रू प्रतिकिलो के हिसाब से बाॅट रहा पैसा…
ग्रामीणों ने विक्रेता तुलाराम ठाकुर पर राशन के बदले पैसा देने का लगाया आरोप….
डिंडौरी(रामसहाय मर्दन) जीवन के लिए भोजन उतना ही जरूरी है, जितना कि साॅस लेने के लिए हवा,लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा इन जरूरी संसाधनों को दरकिनार करते हुए सरकार के महात्वाकांक्षी योजनाओं को सूचारू रूप से क्रियान्वन करने में बड़ी गड़बडी किया जा रहा है। गरीब/निर्धन परिवारों को मिलने वाली राषनकार्ड धरियों को प्रति माह प्रत्येक सदस्य के हिसाब से चावल, नमक समेत अन्य सामग्रियों का वितरण किये जाने का प्रावधान है,किंतु राशन वितरण प्रभारी के द्वारा राशन न देकर पैसा वितरण किया जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि राशन दुकानों में पर्याप्त राशन नही आ रही है या फिर गायब करने का खेल चल रहा है। साथ ही यदि दुकान में राषन नही आ रही है,तो राशनकार्ड धारियों को विक्रेता अपने जेब से पैसा वितरण किया जा रहा है या फिर संबंधित विभाग के अफसरों के इसारे पर जिम्मेदारों के द्वारा वितरण कराया जा रहा है…..? आखिरकार शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में समय में राषन न आना,जिम्मेदारों के द्वारा पैसा वितरण कराना,इसकी भनक अधिकारियों को क्यों नही लग रही है..? या फिर राशन के बदले पैसा वितरण कराने के पीछे अधिकारियों का हाथ है,इस मामले की निष्पक्षता से जाॅच होने पर सारी सच्चाई सामने आ सकती है। मामला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित कुकर्रामठ के शासकीय उचित मूल्य की दुकान कुकर्रामठ का सामने आया है,जहाॅ पर ग्रामीणों ने विक्रेता पर राषन के बदले पैसा वितरण किये जाने का आरोप लगाया है। ग्राम पंचायत कुकर्रामठ के ग्रामीणों का आरोप है कि विक्रेता तुलाराम ठाकुर के द्वारा पात्र राषनकार्ड धारियों से पहले फिंगर लगवाया जाता है, इसके बाद राषन आज मिलेगा कल मिलेगा कहकर कई महीने से चक्कर लगवा रहा है,किंतु अभी तक राशन नही दिया गया है। ऐसे कहते – कहते तीन महीने गुजर गया पर राशन देने का नाम नही ले रहा है। यह भी आरोप है कि गाॅव के कुछ मोहल्ले में राषन के बदले पैसा वितरण कर बकायदा रजिस्टर में नाम दर्ज किया जा रहा है।
ग्रामवासी कर रहे हैं विरोध ग्रामीणों का आरोप है कि षासकीय उचित मूल्य की दुकान के विक्रेता तुलाराम ठाकुर के द्वारा गाॅव के मोहल्ले – मोहल्ले जाकर राषन के बदले पैसा वितरण किया जा रहा है, कुछ राषनकार्ड धारी पैसा ले रहे है वहीं कुछ लोग पैसा लेने से इंकार कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमें राषन चाहिए पैसा नही चाहिए। जानकारी में ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि जिनके पास जीवन यापन के लिए पर्याप्त अनाज है,वह ले रहे है,किंतु जिनके पास दो वक्त की खाने के लिए अनाज ही नही है,वह कहा से पायेगा। उन्होंने कहा कि विक्रेता के द्वारा प्रत्येक सदस्य को 15 रू प्रति किलो के हिसाब से पैसा दे रहा है,उससे दो गुना ज्यादा बजारों में अनाजों की दाम है,हम बाजारों से अनाज खरीदने के लिए सक्षम नही है। ऐसे स्थिति में जिम्मेदारों पर गरीब परिवारों के हक में डाका डालने की कहावत फिट बैठ रही है।
इनका कहना है….
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में राषन के बदले पैसा वितरण करने का प्रावधान नही है। इस प्रकार की मामला आपके माध्यम से प्राप्त हुई है। मामले की जाॅच कर संबंधित के विरूध्द उचित कार्रवाई की जाएगी।
नितिन जयसवाल,कनिष्ठ अपूर्ति अधिकारी,डिंडौरी