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(डिंडौरी) संलग्नीकरण और स्थानांतरण आदेशों के बावजूद जिले में कार्रवाई शून्य, प्रशासनिक ढिलाई से लड़खड़ाई शिक्षा व्यवस्था…

डिंडौरी,राठौर रामसहाय मर्दन| मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी स्पष्ट निर्देशों और आदेशों के बावजूद डिंडौरी जिले में संलग्नीकरण और स्थानांतरण की प्रक्रिया में लापरवाही बरती जा रही है। कार्यालय आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, भोपाल द्वारा जारी आदेशों के अनुसार शिक्षकों के संलग्नीकरण को समाप्त कर नियमित पदस्थापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। बावजूद इसके जिले में अभी भी संलग्नीकरण की व्यवस्था बनी हुई है और प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी की जा रही है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले के कई हायर सेकेण्डरी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों को अब भी संलग्नीकरण के आधार पर कार्य कराया जा रहा है। संकुल प्राचार्य और विकासखंड शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत के चलते प्रशासन को गलत जानकारी देकर स्थिति को छुपाया जा रहा है। विकासखंड शिक्षा अधिकारियों ने इस विषय पर चुप्पी साध रखी है, जिससे जिले में शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

वहीं अति शेष शिक्षकों की पदस्थापना भी केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है। विकासखंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा रिक्त पदों के अनुसार अति शेष शिक्षकों की सूची दो माह पूर्व जिला कार्यालय को भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आवश्यक पदस्थापन नहीं की गई है। हाल ही में जारी स्थानांतरण नीति 2025 के तहत ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत 9 मई 2025 से ऑनलाइन पोर्टल पर स्थानांतरण हेतु आवेदन लिए जा रहे हैं। बावजूद इसके डिंडौरी में स्थानांतरण प्रक्रिया की रफ्तार बेहद धीमी बनी हुई है।

शिक्षक संगठन जिला अध्यक्ष रामकुमार गर्ग का कहना है कि जिले में शिक्षक व्यवस्था की गंभीर स्थिति को देखते हुए पूर्व में शासकीय शिक्षक संगठन के द्वारा कलेक्टर नेहा मारव्या को पत्र लिखकर स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की थी। परंतु अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्यवाही होती नहीं दिख रही है। शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पूर्व सभी स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु सरकार के निर्देशों के बावजूद डिंडोरी प्रशासन की उदासीनता चिंता का विषय बनती जा रही है। यदि समय रहते स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ना तय है।

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