सीईओ ने कहा: अंतिम एससीएन जारी की जाएगी,जवाब नहीं मिला तो आगे नियमानुसार की जाएगी कर्रवाई….
जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत जुनवानी का मामला…
डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| इन दिनों आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडौरी में भ्रष्टाचार और गबन चरम सीमा में पहुँच चुका है। बता दें कि ताजा मामला जनपद पंचायत डिंडौरी क्षेत्र के ग्राम पंचायत जुनवानी का है, जहां उच्चाधिकारियों के द्वारा पत्रों का ग्राम पंचायत सरपंच,सचिव खुलेआम ठेंगा दिखाया जा रहा है। बता दे कि सरपंच-सचिव के द्वारा सरकारी पोर्टल की पारदर्शिता को पलीता लगाते हुए 05 वें वित्त की राशि को मनमाने ढंग से भुगतान किया जा रहा है।
बता दें कि ग्राम पंचायत जुनवानी के सचिव गजरूप सिहं मरावी और सरपंच लखन सिहं सरोते के द्वारा पंचायत दर्पण में लगाए गए बिल धुंधला, जिसे दूरबीन लगाकर भी नहीं पढ़ा जा सकता है।
दरअसल विगत दिनों उक्त मामले को लेकर “साईड लुक समाचार पत्र ” में खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था, जिस पर संज्ञान लेते हुए जनपद पंचायत सीईओ निखिलेश कटारे के द्वारा सचिव गजरूप सिंह मरावी को 10/09 /2024 को कारण बताओं नोटिस जारी कर भ्रष्टाचार के संबंध में समय सीमा में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने निर्देश दिया गया था,लेकिन लगभग एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी सचिव के द्वारा अपना अभिमत प्रस्तुत नहीं किया गया है।
जिसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते है कि किस कदर उच्च अधिकारियों के पत्र की अवहेलना किया जा रहा है।कहना गलत नहीं होगा कि ऐसी ही कई मामले है,जिनका कारण बताओं नोटिस और जांच पत्रों को ठण्डे बस्ते में डाल अधीनस्थ कर्मचारियों के द्वारा जबाव देना मुनासिब ही नहीं समझा जा रहा है।
सीईओ के द्वारा जारी पत्र के मुताबिक….
बता दें कि मामले को लेकर जनपद पंचायत डिंडौरी सीईओ निखिलेश कटारे के द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस में उल्लेख किया गया है कि समाचार पत्र “साईड लुक ” में प्रकाशित खबर के माध्यम से अवगत कराया गया कि आपके द्वारा धुंधले बिल लगाकर पंचायत दर्पण पोर्टल के माध्यम से 05 वें वित्त की राशि का गलत तरीके आहरण कर व्यय किया गया है। आपके द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह जुलाई 2024 को कार्यालय व्यय एवं अन्य सामग्री के नाम से राशि रू. 183000.00 /-लाख आहरण किया गया है। जिसमें सचिव श जगदीश सिंह धुर्वे एवं सरपंच लखन सिंह सरौते का नाम उल्लेखित है। जबकि आपके ग्राम पंचायत में उक्त अवधि में 5वां वित्त में कोई राशि शासन द्वारा प्रदाय नहीं की गयी है।
इससे स्पष्ट है कि आपके द्वारा 15 वां वित्त की राशि का गलत तरीके से पंचायत दपर्ण पोर्टल पर राशि प्राप्त कर व्यय किया गया है। जो कि वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। यह कि आपके द्वारा 15 वां वित्त की राशि का गलत तरीके से उपयोग किये जाने पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत किये जाने हेतु पूर्व में भी कार्यालयीन पत्र के माध्यम से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था, किन्तु आपके द्वारा उक्त पत्र का जवाब आज दिनॉक तक इस कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है।
इससे स्पष्ट होता है कि आप ग्राम पंचायत के विकास में कोई रूचि नही रखते है, एवं शासन एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशों की अवहेलना करने के आदि है। आपका उक्त कृत्य आपके पदीय दायित्वों केनिर्वहन के विपरीत है। क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनात्क कार्यवाही हेतु वरिष्ठ कार्यालय को लेख किया जावे। उक्त के संबंध में अपना स्पष्ट जवाब 02 दिवस के अन्दर अद्योहस्ताक्षर कर्ता के समक्ष में उपस्थित होकर देना सुनिश्चित करें। जवाब प्राप्त न होने या जवाब संतोषप्रद न होने की स्थिति में आपके विरूद्ध म.प्र. पंचायत सेवानियम 2011 नियम 7 (अनुशासन तथा नियंत्रण) का स्पष्ट उल्लंघन पाये जाने पर म.प्र. पंचायत सेवा (अनुशासन तथाअपील) नियम 4 के तहत कार्यवाही हेतु वरिष्ठ कार्यालय को लेख किया जावेगा। जिसकी संपूर्ण जवाबदारी आपकी स्वयं की होगी।