डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| आदिवासी बाहुल्य जिले की अजब ही दास्तान है आए दिन सरकारी स्कूलों की दुर्दशा की कहानी जो समाचार पत्रों में प्रकाशित होती ही रहती है चाहे स्कूल भवन की जर्जर स्थिति की हो,या शिक्षकों का अनुपस्थित रहना हो या शिक्षकों समय में स्कूल न आने का या फिर छात्रों से मनमाने ढंग से रू वसूले का मामला हो। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत गणेशपुर के पोषक ग्राम मिंघरोड़ी माध्यमिक शाला का सामने आया है जहां स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठिका के द्वारा स्कूल न आने वाले छात्र—छात्राओं से 10 रुपए का अर्थदंड वसूलने का आरोप लगाया गया है। वही यह नियम सिर्फ छात्र— छात्राओं पर लागू हो रहा है। बताया गया कि प्रधान पाठिका सप्ताह में एक दो दिन शाला से नदारद रहते है,जिन पर कोई कार्रवाई नही की जाती है। गौरतलब है कि शिक्षण सत्र प्रारंभ हुए दो माह का समय बीत चुका है बावजूद इसके विषयों का टाइम टेबल निर्धारित नहीं किया गया है। छात्र—छात्राओं ने बताया कि वे स्वयं से ही अपने पाठक्रायमो की पढाई कर रहे है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि छात्र छात्राओं का भविष्य कितना उज्ज्वल होगा।