गुरूवार को कलेक्टर ने अवैध उत्खनन को लेकर ली थी समीक्षा बैठक…
कलेक्टर के निर्देश का चंद घंटों में हुआ बेअसर….
डिंडौरी, रामसहाय मर्दन| इन दिनों डिंडौरी जिले के बुढ़नेर नदी से अवैध रेत उत्खनन के मामले में लगातार सुर्खियों में है,यहां पर मशीनों के जरिये बीच नदी से रेत निकाली जा रही है, जो एनजीटी के नियमों के विरुद्ध है। बता दें कि गुरूवार को कलेक्टर हर्ष सिंह ने रेत उत्खनन की समीक्षा बैठक ली थी,जिसमें कलेक्टर के द्वारा खनिज विभाग के अधिकारी शशांक शुक्ला को अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने व अवैध उत्खनन करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करने समेत सतत रूप से निगरानी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कलेक्टर के निर्देश 24 घंटों तक नहीं टिक पाई और ठेकेदार एनजीटी के नियमों को धता दिखाते बीच नदी से पोकलेन मशीन के जरिये अवैध रेत का उत्खनन करने में जुट गए है,जो खनिज विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रही है।
चोरी छिपे नदी के बीच से पोकलेन मशीन के जरिये निकाल रहे रेत….
मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में ठेकेदार के द्वारा दीवारी रेत खदान क्रमांक 01 से रेत निकाली जा रही है। मजे की बात यह है कि मौका मिलते ही ठेकेदार के गुर्गों द्वारा नदी के बीच में सड़क बनाकर पोकलेन मशीन से रेत इक्टठा कर बाहर निकाल लिया जाता है,जिसे फोटो में साफ तौर पर देखा सकता है, कि तरह लगातार चोरी छिपे अवैध रूप से रेत का खनन कर सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है। वहीं रात के अधेरें में रेत से भरे वाहनों की आवाजाही से दीवारी स्कूल के बाउंड्रीवाल को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। फिलहाल जहां से रेत उत्खनन किया जा रहा है,वह भी स्वीकृत क्षेत्र से बाहर बताया जा रहा है।

ग्रामीणों की शिकायत पर अब तक क्यों नहीं हुई कार्रवाई…
गौरतलब यह है कि रेत ठेकेदार के द्वारा डिंडौरी के दीवारी रेत खदान से लेकर मंडला जिले के मैनपुरी रेत खदान तक एनजीटी के नियमों के विरूध्द अंधाधुंध रेत का खनन कर सरकार को लाखों, करोड़ो रू का चूना लगाया जा रहा है। वहीं मामला संज्ञान में आने के बावजूद ज़िम्मेदार विभाग कुंभकरण के नींद सो रहा है। विगत दिनों ग्राम पंचायत कमको मोहनिया के दीवारी रेत खदान में ठेकेदार के द्वारा अवैध रूप से रेत खनन करने का मामला सामने आया था। जहां ठेकेदार के गुर्गों द्वारा बुढ़नेर नदी के बीच धार में पोकलेन मशीन लगाकर रेत निकलवाने का फोटो,वीडयो भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। जिसे लेकर ग्रामीणों के द्वारा खनिज विभाग समेत कलेक्टर से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई थी। लेकिन शिकायत के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं गई, जिसके चलते रेत ठेकेदार के हौंसले और भी बुलंद हो गये है।
क्या कहती है,एनजीटी के नियम….
ठेकेदार के द्वारा खुलेआम एनजीटी के नियमों की अवहेलना किया जा रहा है और यहां प्रशासन रेत खनन कंपनी के ऊपर मेहरबान बनी हुई है। एनजीटी के नियमों के अनुसार नदी से रेत निकालने के दौरान नदी के प्रवाह से ना छेड़छाड़ की जा सकती है और ना ही प्रवाह का रास्ता बदला जा सकता है, पर दीवारी रेत खदान और मैनपुरी रेत खदान में रेत ठेकेदार के द्वारा सीधे-सीधे नदी के बीच धार से रेत निकाला जा रहा है और वह भी पोकलेन व जेसीबी मशीनों के जरिए।
सूचना पटल में उल्लेख नहीं किया गया पूरी जानकारी…
डिंडौरी जिले के दीवारी रेत खदान क्रमांक 01,02 और 03 में रेत उत्खनन की स्वीकृति शासन के द्वारा गुरजीत सिंग बेदी श्याम टाॅकिज के पास छिंदवाड़ा निवासी को दिया गया है। रेत खदान संचालक के द्वारा रेत खनन क्षेत्र में सूचना पटल तो लगाया गया है लेकिन कितना हेक्टयर,कोनसी खदान का है,यह क्षेत्रफल सूचना पटल में नहीं अंकित नहीं गया है। जिससे मनमानी पूर्वक गैर स्वीकृत क्षेत्र में खनन किया जा रहा है।

इनका कहना है,,
दीवारी रेत खदान क्रमांक 01,02 और 03 में किस खदान का कितना क्षेत्रफल है,आज दिनांक तक ग्राम पंचायत में उपलब्ध नहीं कराया गया है और रेत संचालक के द्वारा मनमानी पूर्वक रेत खनन किया जा रहा है।
कामता सिंह परस्ते,ग्रामीण



