गुना, साईडलुक डेस्क। एक महिला को आरटीआई की जानकारी न न देने पर गुना के तत्कालीन तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव के खिलाफ सूचना आयोग ने आदेश जारी करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव को दोषी माना है। सरकारी कार्यालयों में सूचना का अधिकार अधिनियम महज औपचारिकता बनकर रह गया है। लोक सूचना अधिकारियों की लापरवाही के चलते आवेदक सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
तहसीलदार को माना दोषी
लेकिन गुना में एक महिला को आरटीआई की जानकारी नहीं देना तहसीलदार को भारी पड़ गया। गुना के तत्कालीन तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव के खिलाफ सूचना आयोग ने आदेश जारी करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव को दोषी माना है।
मकान तोड़ने की मांगी थी जानकारी
दरअसल, गुना में सकीबाई नाम की महिला ने पति रघुवीर सिंह कुशवाह के मकान तोड़ने की जानकारी मांगी थी। आवेदिका ने विभाग के प्रचलित नियम के तहत लिखित जानकारी मांगी थी। फरियादी महिला ने दिनांक 19 मार्च 2021 को आरटीआई के आवेदन तहसील कार्यालय में लोक सूचना अधिकारी संदीप श्रीवास्तव को दिया था लेकिन जानकारी नहीं मिली।
जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई
उसके बाद एसडीएम कार्यालय में दिनांक 18 फरवरी 2022 को अपील की लेकिन जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। फरियादी सकीबाई ने सूचना आयोग के समक्ष दिनांक 31 मई 2022 को आवेदन प्रस्तुत किया।