जबलपुर, साईडलुक विशेष। सर्वविदित है बीते दिनों सियासती दमखम का प्रत्यक्ष उदाहरण संस्कारधानी वासियों ने देखा है भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा द्वारा एमबीए की छात्रा वेदिका ठाकुर को अपने ऑफिस बुलाकर गोली मारने की, हालांकि वेदिका को मृत हुए समय हो चुका है और राजनीतिक दिग्गजों के कृपापात्र से मित्रता रखने का परिणाम उसकी मौत के रूप में संस्कारधानी वासियों ने देख लिया है, मुद्दे की बात पर आते है भले आज भाजपा नेता प्रियांश जेल में है लेकिन सूत्रों की माने तो कारागृह में भी उसकी आवभगत बराबर हो रही है ? लेकिन वेदिका हत्याकांड में अपनी बेटी को खो चुकी उसकी माँ श्रीमती ज्योति ठाकुर आज भी अपनी बेटी के हत्यारे पर कठोर कार्यवाही करवाने प्रसाशनिक अधिकारियों की चौखट पर माथा पटक कर इंसाफ की वेदनीय गुहार लगा रही है पर सियासती बेड़ियों में जकड़ा प्रशासनिक तंत्र मूक बधिर दृष्टिहीन की भांति खुद को प्रदर्शित कर रहा है ?
वेदिका की माँ का कहना है कि जब प्रियांश ने उनकी बेटी को सियासती रौब के चलते गोली मारी उसके बाद जख्मी हालत में 4 से 5 घंटे अपने लग्जरी चौपहिया में लेकर घूमता रहा साथ ही पहले स्टार सिटी अस्पताल ले गया जहाँ वेदिका का उपचार करने डॉ जुट गए पर वेदिका की नाजुक स्थिति को देखते हुए हाथ खड़े कर दिए व किसी बड़े अस्पताल ले जाने को कहा दुर्भाग्य ही कहेंगे कि दर्द से कराहती वेदिका पर सियासती रसूख भारी पड़ गया अस्पताल प्रबंधन द्वारा इतने गंभीर प्रकरण की सूचना पुलिस को नही दी गई ?
इसके बाद भाजपा नेता प्रियांश दमोहनाका स्थित मेट्रो अस्पताल पहुचा जहा वेदिका को भर्ती करके उसका इलाज शुरू किया गया, वेदिका की माँ के अनुसार अस्पताल के मालिक भाजपा से ही जुड़े हुए है और संस्कारधानी में रसूखदारों में उनका नाम आता है और ऐसी स्थिति में जब आरोपी भाजपा नेता ही था और सियासती दिग्गजों केंद्रीय दिग्गज ओर प्रदेश के भाजपाई पदासीन दिग्गजों का चहेता है तो मेट्रो अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुलिस को इस जघन्य अपराध की सूचना नही दी गई हालांकि चर्चा तो ये भी है कि संजीवनी नगर पुलिस द्वारा प्रियांश से मधुर संबंध निभाते हुए पूरे घटना क्रम को गोलमाल किया गया जिससे खाकी धारियों का चहेता ओर उनका ख्याल रखने वाला किसी भी तरह बच जाए ?
खेर मुद्दे की बात पर आते है बीते दिनों कलेक्टर के समक्ष अश्रुधारा लेकर गुहार करने पहुची मृतका वेदिका की माँ ज्योति ठाकुर का कहना है कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज जी अपराधियो की निर्मम करतूतों को देख कर उनके घर बुलडोजर चलवा रहे है लेकिन उनकी बेटी वेदिका को मौत के घाट उतारने वाले भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा का मकान जमीदोज करने में असहाय बने हुए है क्योकि प्रियांश भाजपाई दिग्गजों का प्रिय है? तो वही निगम प्रशाशन के नोटिस तामीली व माननीय न्यायालय के आदेश के बाद भी प्रियांश विश्वकर्मा के मकान पर बुलडोजर कार्यवाही न होना मुख्यमंत्री व जिला प्रशाशन की करनी ओर कथनी को प्रदर्शित कर रहा है ?दुखद पहलू ही है कि अपने सुहाग को खो चुकी ज्योति ठाकुर अब अपनी होनहार बिटिया को भी सियासती जंजाल के चलते खो चुकी है, ओर बेटी के न्याय के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यालयों में रुन्दन गुहार लगा रही है, पर कही कोई सुनवाई ही नही हो रही ?