(साईडलुक विशेष) सियासती रसूख की दास्तां लिख गई, वेदिका की मौत !

संजीवनी नगर थाने की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल ?
जबलपुर, नवनीत दुबे। बीते दिनों संस्कारधानी में भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा की गोली का शिकार बनी एमबीए की छात्रा वेदिका सिंह अब इस दुनिया में नहीं है, 10 दिनों तक असहनीय दर्द सहने के बाद जिंदगी ने मौत के आगे घुटने टेक दिए लेकिन इस गोलीकांड की शिकार वेदिका की मौत सीयासती रसूख की दास्तां लिख गई ? हालांकि आरोपी भाजपा नेता प्रियांश अभी जेल में है, इसमें भी विडंबना ही कहेंगे कि प्रियांश की गिरफ्तारी को लेकर खुद की पीठ थपथपा रही पुलिस वास्तविकता में आरोपी के आत्मसमर्पण को छुपा क्यों रही है ? यह जनमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है, अबे सत्यता क्या है यह थाना पुलिस व आरोपी प्रियांश ही जाने ? मुद्दे की बात पर आते हैं जैसा कि मृतका के परिजनों का आरोप है कि प्रियांश के ऑफिस में अपनी सहेली के साथ पहुंची वेदिका पर गोली चलने के बाद घायल अवस्था में 4 से 5 घंटे शहर के कुछ निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद वेदिका को दमोह नाका स्थित अस्पताल में भर्ती करवा कर आरोपी मौके से भाग खड़ा हुआ था यह तो सर्वविदित है किंतु पेंच इस बात का पता है कि जिन जिन अस्पतालों में प्रियांश वेदिका को लेकर पहुंचा था उन अस्पतालों ने इस गंभीर घटना की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को क्यों नहीं दी ? संभवत प्रियांश का सिया सती रसूख आड़े आ गया होगा, तो वहीं घटना के वक्त मौके पर मौजूद वेदिका की सहेली आखिर कहां है और पुलिस उसके बयान क्यों नहीं ली ? अब बात आती है धनवंतरी नगर पुलिस चौकी की बस संजीवनी नगर थाने की तो यहां भी धन बल के साथ सिया सती दमखम का ही बोलबाला रहा शुरुआत में जो देखने मिला कि वेदिका के परिजन अपनी शिकायत दर्ज करने की गुहार लगाते रहे पर थाने के कर्तव्यनिष्ठ खाकी धारी मृतका के परिजनों पर ही पुलिस रौब झाड़कर प्रकरण दर्ज करने में तालम टोली करते रहे, अंततः आज जब वरिष्ठ अधिकारियों का दबाव बना दो रस्म अदायगी बतौर मामला दर्ज किया हालांकि जब गोली कांड के मुद्दे ने सियासी रंग लिया तब कहीं जाकर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था पर आर्म्स एक्ट के संबंध में कोई जांच नहीं हुई नाही प्रकरण बना ? हालांकि पूरे घटनाक्रम में एक और पेंच फस रहा है कि आरोपी प्रियांश को रिमांड पर क्यों नहीं लिया गया ? यह सारे पेज जब एक सूत्र में पिरो कर देखे जाएं तो थाना पुलिस की कार्यप्रणाली कटघरे में आ रही है वेदिका की मौत के बाद एक सन्नाटा सा छा गया है नहीं कांग्रेसी अब कोई शोर कर रहे हैं नाही प्रबुद्ध जन , लेकिन जनमानस में एक चर्चा जरूर हो रही है कि पुलिस कप्तान टीके विद्यार्थी जो अपनी तेजतर्रार छवि के साथ निष्पक्ष कार्यप्रणाली के लिए जाने जाते हैं वह पूरे घटनाक्रम में धनवंतरी नगर पुलिस चौकी व संजीवनी नगर थाने के कर्तव्यनिष्ठ पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच करते हैं या नहीं ?