जबलपुर। मप्र उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर बताया गया कि शासन की नल जल योजना के तहत गांव में पाइप बिछाने के लिए लाखों रुपये में बनी सड़क तोड़ दी गई। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ व न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग के सचिव, पीएचई रीवा के कार्यपालन यंत्री और लोनिवि के एसडीओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, मामले में अगली सुनवाई 13 जून वाले सप्ताह में निर्धारित की गई है।
जनहित याचिकाकर्ता रीवा की ग्राम पंचायत चौड़ियार निवासी प्रकाश कुमार मिश्रा की ओर से अधिवक्ता बृजेंद्र मिश्रा ने दलील दी कि जनहित याचिकाकर्ता के गांव में वर्ष 2019 में नल जल योजना का काम शुरू किया गया। इसके तहत गांव तक पाइप लाइन बिछाई गई। पाइप बिछाने का काम भी लगभग 60 प्रतिशत ही पूरा हुआ है। चंद वर्ष पूर्व ही करीब 80 लाख रुपये की लागत से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सीमेंटेड रोड बनी थी। नल जल योजना का काम करने में यह सड़क पूरी तरह बर्बाद कर दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से पीएचई, जनपद पंचायत व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को अभ्यावेदन दिए, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। उच्च न्यायालय ने प्रारंभिक तर्क सुनने के बाद नोटिस जारी कर दिए।