(डिंडौरी)टॉस्क फोर्स समिति के सदस्यों की अध्यक्षा में जिले के सरपंच एवं पेसा ग्राम अध्यक्षों की कार्यशाला संपन्न हुई….

(डिंडौरी)टॉस्क फोर्स समिति के सदस्यों की अध्यक्षा में जिले के सरपंच एवं पेसा ग्राम अध्यक्षों की कार्यशाला संपन्न हुई….

डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| वन अधिकार मान्यता अधिनियम 2006 एवं पेसा नियम 2022 के प्रभावी क्रियान्वयन के हेतु कलेक्ट्रेट ऑडिटोरियम डिंडौरी में टॉस्क फोर्स समिति के सदस्य डॉ. रूप नारायण मांडवे,शरद चंद्र लेले की अध्यक्षता में डिंडौरी जिले के सभी जनपद पंचायतों के सरपंच, और पेसा ग्राम अध्यक्षों की कार्यशाला संपन्न हुई। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित अन्यजन मौजूद थे आयोजित कार्यशाला में पेसा एक्ट एवं वन अधिकार मान्य अधिनियम के संबंध में चर्चा की गई। समिति के सदस्यों द्वारा बताया गया कि पेसा के नियम लागू होने से जनजातीय वर्ग को जल, जंगल, जमीन से जुड़े अधिकार मिले हैं। जहां खनिज से जुड़े अधिकार जनजातीय वर्ग को दिए गए हैं, वहीं लघु वनोपज से जुड़े कार्य से उन्हें बेहतर ढंग से लाभांवित करने की पहल हुई है। खनिज पट्टों पर जनजातीय लोगों का पहला हक बनता है। पेसा एक्ट की मूल भावना जनजातीय वर्ग का कल्याण है। पुलिस थाना स्तर पर छोटे-मोटे विवादों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। पेसा एक्ट किसी के खिलाफ नहीं है, इससे किसी का कोई नुकसान नहीं है, सभी का फायदा ही फायदा है। अब हर साल ग्राम की ग्राम सभा में पटवारी और फारेस्ट गार्ड नक्शा, खसरे की नकल, बी-1 की कापी लेकर आयेंगे और ग्रामवासियों को पढ़ कर सुनायेंगे। गड़बड़ी पाई गई तो ग्राम सभा सुधार करेगी। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। किसी सरकारी कार्य, योजना के लिये जमीन देना है, यह ग्राम सभा तय करेगी। ग्राम की भूमि का बिना ग्राम सभा की अनुमति के भू-अर्जन नहीं किया जा सकेगा। किसी जनजातीय भाई की जमीन पर कोई व्यक्ति बहला-फुसला कर, शादी के माध्यम से अथवा धर्मांतरण द्वारा कब्जा नहीं कर पायेगा। गाँव के सभी महत्वपूर्ण निर्णय ग्राम सभा तय करेगी। इसके लिए जिले के पेसा मोबलाईजर्स और ग्रामसभा को एक साथ मिलकर लोगों को जागरूक करना होगा।

इसी प्रकार से वनाधिकार अधिनियम के बारे में बताते हुए वनभूमि पर खेती/बस्ती चालू रखने के व्यक्तिगत अधिकार के संबंध में जानकारी दी गई। जिसमें वनों से निस्तार, चराई, लघु वनोपज दोहन, वनों के प्रबंधन व सामुदायिक अधिकार सीआर-2 के नियमों को बताया गया है। इसके बाद वनग्रामों में आईएफआर की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रशासन द्वारा 2009 से हर 3 से 5 साल के अंतराल में आई एफ आर पत्र वितरित किये गए हैं।

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