डिंडौरी जिला ब्यूरो/रामसहाय मर्दन
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डिंडौरी| जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम मड़ियारास में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी कजलियां का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कजलियां पर्व के महत्व के बारे में पुराने समय से चली आ रही परंपरा को बड़े बुजुर्गों के द्वारा बताया जाता है कि यह पर्व सदभावना पूर्वक राग द्वेष भुलाकर आपस में मिलने का पर्व है जिसमें भाई-बहन, दोस्त-भाई एक दूसरे को राखी बांध कर एवं कजलियां एक दूसरे के कान में लगाकर गले मिलते हैं एवं यथा योग्य आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।इसी तरह बहने भी अपने भाइयों की आरती उतार कर माथे में तिलक लगाकर कलाइयों में राखी बांधती है जिस पर भाई भी अपनी बहन को सुरक्षा के लिए एवं बुरे वक्त पर हरदम मदद करने का संकल्प लेता है। इसी क्रम में विगत दिन शुक्रवार को ग्राम मड़ियारास के सात मंडलियों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर दूर-दराज से आए लोगों एवं दर्शकगणों का मन मोह लेते हैं। वैसे तो रक्षाबंधन एवं कजलियां पर्व जिले के, हर ग्रामों में मनाया जाता है पर ग्राम मड़ियारास का रक्षाबंधन एवं कजलियां पर्व को लेकर अपना एक अलग अंदाज है। जिसके चलते मडियारास में रक्षाबंधन और कजलियां पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है।
डिंडौरी| जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम मड़ियारास में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी कजलियां का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कजलियां पर्व के महत्व के बारे में पुराने समय से चली आ रही परंपरा को बड़े बुजुर्गों के द्वारा बताया जाता है कि यह पर्व सदभावना पूर्वक राग द्वेष भुलाकर आपस में मिलने का पर्व है जिसमें भाई-बहन, दोस्त-भाई एक दूसरे को राखी बांध कर एवं कजलियां एक दूसरे के कान में लगाकर गले मिलते हैं एवं यथा योग्य आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
