डिंडौरी(रामसहाय मर्दन)| जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला न्यायाधीश / सचिव एवं लोकोपयोगी सेवाओं के लिए गठित लोक अदालत के अध्यक्ष डी.एस. मंडलोई के समक्ष नगर के जागरूक नागरिक अधिवक्ता सम्यक जैन ने आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था कि शासकीय जिला चिकित्सालय में आधारभुत स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है एवं ओपीडी में मरीजों को पर्याप्त मात्रा में चिकित्सक उपलब्ध नहीं होती है । अव्यवस्थाओं के कारण दिनांक 22.04.2022 को 55 वर्षीय महिला उजरिया बाई को समुचित इलाज न मिलने के कारण मृत्यु हो गई । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल किये जाने हेतु निर्देशित किया जाए । जिला न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं लोकोपयोगी सेवाओं के लिए गठित लोक अदालत के अध्यक्ष डी . एस . मंडलोई ने उक्त आवेदन को लोकोपयोगी सेवाओं की लोक अदालत की विषय वस्तु के अंतर्गत संज्ञान में लेते हुए अनावेदक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों की कमी होना बताया । दोनों पक्षों के जवाब एवं तथ्यों के आधार पर लोकोपयोगी सेवाओं की लोक अदालत के माध्यम से दिनांक 25 . 08.2022 को जिला चिकित्सालय डिण्डौरी में स्वास्थ्य सेवाएं 01 माह की अवधि में निराकरण करने एवं आम जनता को स्वास्थ्य संबंधी उचित सेवाएं उपलब्ध करवाने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण 1987 की धारा 22 ए ( बी ) के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डिण्डौरी को निर्देशित किया गया । आवेदक अधिवक्ता सम्यक जैन द्वारा नगर एवं जिले में शराब के अवैध विक्रय रोके जाने एवं जिला मुख्यालय में जबलपुर बस स्टैण्ड के आस – पास अण्डा मांस मछली आदि के अवैध रूप से दुकान लगाये जाने एवं उनसे होने वाली परेशानियों को दूर करने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था जो लोकोपयोगी सेवाओं से संबंधित होने के कारण लोकोपयोगी लोक अदालत के अंतर्गत पंजीबद्ध कर अनावेदक मुख्य नगर पालिका अधिकारी , जिला आबकारी अधिकारी एवं थाना प्रभारी सिटी कोतवाली को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था । अनावेदकगणों के द्वारा प्रस्तुत जवाब एवं तथ्यों के आधार पर जिले में शराब के अवैध विक्रय पर रोक लगाने तथा नगर में अवैध रूप से संचालित मांस मछली अण्डे की दुकानों को हटाने तथा साफ सफाई की व्यवस्था बहाल करने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण 1987 की धारा 22 ए ( बी ) के तहत • सार्वजनिक संरक्षण / स्वच्छता प्रणाली को बनाये रखने हेतु निर्देशित किया गया ।