इंटेलिजेंट नहीं स्मार्ट इंजीनियरिंग आज की जरूरत
जबलपुर| इंस्टीट्युशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), जबलपुर लोकल सेंटर द्वारा 15 सितम्बर को भारत रत्न एम. विष्वेशवरैया के जन्म दिवस को अभियंता दिवस के रूप में मनाया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों द्वारा भारत रत्न सर एम. विष्वेशवरैया के चित्र पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों को अध्यक्ष इंजी. प्रकाश चंद्र दुबे व मानसेवी सचिव इंजी. संजय मेहता द्वारा स्वागत किया गया। संस्था के अध्यक्ष इंजी प्रकाश चंद्र दुबे ने स्वागत भाषण दिया 55वें अभियन्ता दिवस की थीम “स्मार्ट इंजीनियरिंग फॉर ए बैटर वर्ल्ड“ विषय पर ब्रिगेडियर विपिन त्रिवेदी ने जानकारी प्रस्तुत की। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लेफ्टीनेन्ट जनरल राकेश कपूर, व्ही.एस.एम. (सी.एम.एम. कमान्डेन्ट), जबलपुर रहे। उन्होने अपने उदबोधन में कहा कि इंजीनियरों को यह समझने की जरूरत है कि मौजूदा सेवा बुनियादी ढांचे पर जबरदस्त दबाव है जो अपर्याप्त हैं और वायु प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन, यातायात भीड़, प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल, सभी के लिए आवास आदि जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं। इसके लिए स्थायी और समावेशी समाधान खोजने की आवश्यकता होगी। विशेष रूप से शहरी आबादी को किफायती आवास, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण, बड़े पैमाने पर परिवहन और पीने का पानी प्रदान करने के लिए जिसे बाद में चरणबद्ध तरीके से अन्य क्षेत्रों में दोहराया जा सकता है।
विशिष्ट अतिथि डाँ. प्रवीण कोन्डेकर, निदेशक, पंडित द्वारका प्रसाद मिश्र, इंडियन इंस्टीट्यूट आँफ इनफार्मेशन टेक्नाँलजी, डिजाइन एंड मैनिफैक्चरिंग, जबलपुर रहे। उनहोने अपने दक्षिण कोरिया में सेवा अवधि के अनुभव साझा किये। मुख्य वक्ता डाँ. राकेश कुमार गुप्ता, (आई.आर.एस.), प्रिन्सिपल चीफ इलेक्ट्रीकल इंजीनियर, वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे, जबलपुर रहे। उनहोने अभियंता दिवस के आज के विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि चरणबद्ध तरीके से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्मार्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के माध्यम से सड़क और रेल संपर्क, पेयजल, कृषि, स्वास्थ्य और पोषण, किफायती आवास और बेहतर शासन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किए गए विभिन्न क्षमता और क्षमता निर्माण पहल करनी होगी। समाधानों के लिए उद्योग, शिक्षा और सरकार के बीच तालमेल की आवश्यकता होगी और एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना चाहिए जहां विभिन्न खिलाड़ी भाग ले सकें और सर्वाेत्तम प्रथाओं को साझा कर सकें और एक स्थायी और समृद्ध भविष्य के लिए एक स्मार्ट बुनियादी ढांचे पर स्विच करने के लिए कार्य योजना विकसित कर सकें।
उक्त कार्यक्रम में आई.आई.आई. टी.डी.एम. के छात्रों को उन्के द्वारा डिजाइन की गई फार्मुला वन रेसिंग कार को अखिल भारतीय स्तर पर 23 वां स्थान प्राप्त होने पर इंस्टीट्युशन आँफ इंजीनियर्स (इंडिया), जबलपुर लोकल सेन्टर द्वारा सम्मानित कर प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाँ. मुक्ता भटेले व वेदान्त श्रीवास्तव ने किया व आभार प्रदर्षन मानसेवी सचिव इंजी. संजय मेहता ने किया। इस अवसर पर इंजी. तरुण आन्नद, इंजी. कोमल चन्द्र जैन, इंजी.महेष कुमार रघुवंशी, इंजी. राकेश राठौर, काउन्सिल मेम्बर, इंस्टीट्युषन आँफ इंजीनियर्स (इंडिया), पूर्व अध्यक्ष इंजी. नरेश मेहता, इंजी. व्ही.के. पण्डया, डाँ. आई. के. खन्ना, इंजी. ए.के. चक्रवर्ती, इंजी. एम.के. रघुवंषी, इंजी. के. सी. जैन, इंजी. के.सी. ढिमोले, इंजी. एस.एस. पवार, डा. अशोक तिवारी, डाँ. विवेक चन्द्रा, इंजी. जे.पी. पाराशर, इंजी. राकेश जैन, कर्नल आर.एस, मल्होत्रा, इंजी. नचिकेत नागरे, इंजी. डी.एस. दोनेरिया, इंजी. मनीष बाजपेई, इंजी. राम कृष्ण चौकसे, इंजी. शोभित वर्मा, डाँ. संजय वर्मा, अभियांत्रिकी संस्थाओं के अभियंता, अभियांत्रिकी महाविद्यालयो के प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं व नगर के प्रबुद्ध नागरिक व अभियन्ताओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।