◆ कलेक्टर रत्नाकर झा ने कृषि विभाग की बैठक में दिए निर्देश:-
डिंडौरी (रामसहाय मर्दन)। कलेक्टर रत्नाकर झा ने कहा कि डिंडौरी जिले में कोदो-कुटकी फसल को एक जिला-एक उत्पाद में शामिल किया गया है। किसानों के द्वारा परंपरागत रूप से कोदो कुटकी की खेती की जाती है। अब उच्च तकनीकी की खेती से कोदो-कुटकी फसल का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। उन्होंने किसानों को उत्तम किस्म के कोदो-कुटकी के बीज वितरण करने के निर्देश दिए हैं। कोदो-कुटकी फसल की बुआई का रकवा बढाने के लिए किसानों को प्रेरित करने को कहा है। कलेक्टर झा शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित कृषि विभाग की बैठक में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर उप संचालक कृषि अश्विनी झारिया, परियोजना समन्वयक एनआरएलएम श्रीमती मीना परते सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। कलेक्टर झा ने किसानों को बैगानी अरहर की बुआई करने के लिए भी प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि डिंडौरी जिले का वातावरण बैगानी अरहर के लिए उपयुक्त है। उच्च तकनीकी से बैगानी अरहर की खेती करने पर फसल का उत्पादन बढाया जा सकेगा। कलेक्टर झा ने कहा कि खरीफ फसलों के लिए खाद और बीज की कमी नही होनी चाहिए। कृषि विभाग का अमला खाद और बीज के लिए नियमित रूप से मांग पर पत्र भेजें। जिससे किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज की उपलब्धता बनी रहे। कलेक्टर झा ने खाद और बीज वितरण के संबंध में प्राइवेट दुकानों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्राइवेट दुकानों का नियमित रूप से निरीक्षण करें। जिससे किसानों को उच्च किस्म के खाद और बीज मिल सके। कलेक्टर झा ने कहा कि विभागीय अधिकारी दुकानों का नियमित रूप से निरीक्षण करें। प्राइवेट दुकान संचालकों को निर्देशित करें कि बीज एवं उर्वरकों की बिक्री निर्धारित कीमत पर ही की जाए। कलेक्टर झा ने कहा कि खरीफ फसलों का उत्पादन बढाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर चौपालों का आयोजन किया जाए। चौपालों कार्यक्रम में किसानों को उच्च तकनीकी की खेती के बारे में जानकारी दी जाए। खेती करने की उच्च तकनीकी के बारे में बताया जाए, जिससे किसान खरीफ फसलों का उत्पादन बढा सकें। कलेक्टर झा ने बैठक में पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग और उद्यानिकी विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की।