डिंडौरी (रामसहाय मर्दन)। शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्यरत है शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के स्थापना दिवस मनाया गया। एक दिवसीय ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ राजेंद्र कुररिया सह संयोजक महाकौशल प्रांत, डॉ.बिहारी लाल द्विवेदी प्राचार्य मेकलसुता(विभाग सम्पर्क प्रमुख मण्डला) महाविद्यालय,(विभाग सम्पर्क प्रमुख मण्डला), श्रीमती त्रिवेणी मिश्रा बरिष्ट अध्यापिका उत्कृष्ट विद्यालय डॉ. गीता अठनेरे प्राचार्य संस्कार विधि महाविद्यालय अनूपपुर, प्रो.इंद्रपाल मरकाम अध्यक्ष मध्यप्रदेश जय आदिवासी संगठन, डॉ बालस्वरूप द्विवेदी उप प्राचार्य महाविद्यालय मुख्य रूप से उपस्थित रहे कार्यक्रम में न्यास के द्वारा किए जा रहे शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न कार्यों का सभी के सामने रूपरेखा रखी गई 02 जुलाई वर्ष 2004 को स्थापना से लेकर वर्तमान तक नई शिक्षा नीति जैसे नवीन कार्यों के लिए न्यास लगातार प्रयास करता आ रहा है। चाहे विज्ञान का क्षेत्र हो चाहे पर्यावरण का क्षेत्र सामाजिक क्षेत्रों सेवा कार्य हो विद्यार्थी एवं शोधार्थी के हित में विभिन्न प्रकार के कार्यों को लगातार न्यास नवाचार के रूप में कर रहा है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020 के क्रियान्वयन पर जोर दिया गया कि सभी स्कूलों व महाविद्यालय के अध्यापकगण इसका अध्ययन कर उसको लागू करने में सहयोग प्रदान करे। स्थानीय भाषा मे हमे अध्यापन कार्य को प्राथमिकता देनी होगी जिससे हमारे क्षेत्र के बच्चे ठीक से समझकर पढ़ें। न्यास के 10 विषय पर काम कर रहा है जिसमे अपने डिण्डौरी में अभी 6 विषय पर ही कार्य हो रहा है, इसे आगे और बढ़ाना है और जिला को ऊंचाई तक ले जाना है। आज हमारे ही बीच मे यह स्थिति है की हम अपने विषय मे आगे बढ़ रहे हैं। हमे देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलना होगा। हम समस्या नहीं समाधान ढूंढते हैं। इस विषय पर चर्चा की गई तथा आगामी कार्यों की रूपरेखा भी बनाई गई कार्यक्रम में जिले के लगभग सभी महाविद्यालयों से प्राध्यापक शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने अपनी सहभागिता दिखाई कार्यक्रम के संयोजक प्रोफ़ेसर निरंजन पटेल के द्वारा सभी अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया गया और इसी प्रकार से आगे भी नवाचार के रूप में अनेकों कार्यक्रम में सहयोग प्रदान करने के लिए आग्रह किया गया कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर विकास जैन के द्वारा किया गया।