नवनीत दुबे जबलपुर-2023 अक्टूबर-नवंबर तक होने वाले मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में वैसे तो समूचे प्रदेश में हर भाजपाई अपने अपने स्तर पर टिकट के लिए दावेदारी ठोक रहा है, इसी तारतम्य में संस्कारधानी में भी छह विधानसभाओं में प्रत्याशी बनने होड़ मची है लेकिन जो जीता वही सिकंदर की तर्ज पर जिन विधानसभाओं में विजयी भाजपा विधायक हैं उन्हें पुनः प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा है, कुछ ऐसा ही समीकरण उत्तर मध्य विधानसभा में बना हुआ है जहां पिछली बार भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री उत्तर मध्य विधायक शरद जैन को कांग्रेस के वर्तमान विधायक विनय सक्सेना ने पटखनी देकर भाजपा के गढ़ में कांग्रेस का परचम स्थापित किया है, इसे देखते हुए इस बार उत्तर मध्य में पुनः भाजपा की विजय पताका लहराने व अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करने प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन जारी है, ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि योग्य प्रत्याशी की अनदेखी कहीं एक बार फिर भाजपा की पराजय का कारण न बन जाए? सूत्रों की मानें तो दिल्ली दरबार में उत्तर मध्य विधानसभा के लिए कई दावेदार अपने सियासती भगवानों की चौखट पर दंडवत हो रहे हैं, कहा तो यह भी जा रहा है कि जैन समाज से ही 4 भाजपाई कवल दावेदारी ठोक रहे हैं विडंबना ही कहेंगे कि दावेदारी भी ऐसे भाजपाई कर रहे हैं जिनका ना तो जमीनी जनाधार है और ना ही कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य है ? तो वहीं पूर्व राज्य मंत्री शरद जैन की दावेदारी प्रबल मानी जा रही है क्योंकि प्रदेश के मुखिया शिवराज जी के बेहद करीबी माने जाते हैं लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त इस बात का संकेत दे रही है कि शरद जी के प्रत्याशी बनने से कांग्रेस के विधायक विनय सक्सेना की जीत का अनुमान लगाया जा रहा है ? हां वह बात अलग है कि कांग्रेस आलाकमान इस बार किसी नए कांग्रेसी को उत्तर मध्य से प्रत्याशी ना बना दे, मुद्दे की बात यह है कि टिकट वितरण में इस बार भाजपा आलाकमान को बड़े सोच समझकर प्रत्याशी घोषित करना पड़ेगा क्योंकि भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया जिन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी की उपेक्षा के चलते निर्दलीय चुनाव लड़ कर भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी , जिसके चलते भाजपा का गण कांग्रेस के हाथ में चला गया उत्तर मध्य में धीरज की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता और लोकप्रियता यही इंगित कर रही है कि यदि उत्तर मस्जिद से धीरज पटेरिया को प्रत्याशी घोषित किया जाता है तो उत्तर मध्य में ऐतिहासिक जीत का कीर्तिमान स्थापित हो सकता है? अंत: विधानसभा चुनाव 2023 के नवंबर माह में है और उत्तर मध्य से जिन दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं उनमें शरद जैन, धीरज पटेरिया, सदानंद गोडबोले, कमलेश अग्रवाल, अखिलेश जैन ,संदीप जैन, राजेश जैन, प्रभात साहू व अन्य भाजपाइयों के नाम है अब देखना यह है भाजपा आलाकमान योग्य दावेदार को प्रत्याशी बनाता है या फिर भाई भतीजावाद की भेंट चढ़ता है उत्तर मध्य?