(नवनीत दुबे)। लगभग 350 साल से ज्ञान वापी में छिपा सच आखिरकार अब सामने आने वाला है मुगल आतंकियों द्वारा हिंदुस्तान में जो क्रूरता और बेरहमी इबारत लिखी थी जिसमें सर्वप्रथम सनातनी देवा लयों मंदिरों को तोड़कर ध्वस्त कर उनके ऊपर मस्जिदें बना दी गई थी जिसमें प्रभु श्री राम के जन्म स्थान अयोध्या पर लंबे समय तक माननीय न्यायालय में चले वाद विवाद के बाद जो आदेश आया उसने यह स्पष्ट कर दिया कि मुगल आतंकी अतिक्रमणकारियों ने किस तरह से देव स्थानों को ध्वस्त करके अपना कब्जा जमा लिया था ठीक इसी तरह वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर का ही परिसर ज्ञानवापी जिसे 1679 में आतंकी औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण करा दिया था जिसे मुस्लिम समुदाय वर्तमान में अपने धार्मिक स्थान होने का दावा कर रहा है मुद्दे की बात पर आते हैं सर्वविदित है बीते कुछ दिनों से ज्ञानवापी परिसर को लेकर वाद विवाद की स्थिति चल रही है साथ ही ज्ञानवापी परिसर को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया की ज्ञानवापी मस्जिद में स्वयंभू श्री शिव जी का ज्योतिर्लिंग है जिसे मस्जिद बना कर छिपा दिया गया है मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट द्वारा एएसआई टीम का गठन किया गया जो ज्ञानवापी मस्जिद की सच्चाई सामने लाएगी किंतु विडंबना कहें या दुर्भाग्य कि मुस्लिम पक्षकार माननीय न्यायालय के आदेश के बाद भी सर्वे टीम को निष्पक्ष कार्य करने नहीं दे रहे हैं और धीरे खट्टी कर शासकीय कार्य में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं हालांकि प्रशासन के नरम रुख के चलते मुस्लिम पक्षकार अपनी हठधर्मिता का परिचय दे रहे हैं लेकिन जल्द ही प्रशासन की शक्ति का रूप अख्तियार करने के बाद इनका जोश ठंडा पड़ जाएगा सोचने पहलू यह है कि मुस्लिम पक्षकारों द्वारा ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का इतना विरोध क्यों किया जा रहा है क्या इस वर्ग को इस बात का पूर्ण भरोसा है की खुदाई और सर्वे के दौरान जो प्रमाण सामने आएंगे वह सनातनी धर्म चिन्ह और आकृतियों के रूप में होंगे साथ ही सर्वव्यापी श्री शिव का ज्योतिर्लिंग यहां विराजमान दिखेगा? आखिर ऐसा हो भी क्यों ना ज्ञानवापी मस्जिद में इतने वर्षों से यह वर्क इबादत जो करता आ रहा है तो यहां की हकीकत से भली-भांति वाकर भी होगा खैर एक बात तो स्पष्ट है मुगल आतंकियों द्वारा हिंदुस्तान के मंदिरों को ध्वस्त करके जो मुगलिया सल्तनत का स्तंभ स्थापित किया था अब समय आ गया है कि जिन जिन देवालय ऊपर अतिक्रमण करके मस्जिद में बना दी गई थी अब वहां पुणे सत्य सनातन धर्म की स्थापना होगी अयोध्या काशी मथुरा संभवत ताजमहल सहित और कितने स्थानों की वास्तविकता सामने आती है यह बहुप्रतीक्षित है?