जबलपुर ब्यूरो। मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति रवि मलिमथ व मुख्य संरक्षक मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के कुशल मार्गदर्शन में और न्यायमूर्ति शील नागू, कार्यपालक अध्यक्ष
विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर व न्यायमूर्ति सुजोय पॉल अध्यक्ष, किशोर न्याय समिति, उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्देशन में उच्च न्यायालय जबलपुर व मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा ग्वारीघाट से संबंधित छात्र-छात्राओं को जिन्हें स्वैच्छिक रूप से टीचर पराग द्वारा शिक्षित किया जा रहा है, उनके द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर व मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का भ्रमण कराया गया, इस भ्रमण का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को न्यायिक प्रक्रिया और विधिक सेवा से अवगत कराना था।
किया हाईकोर्ट का भ्रमण
उक्त भ्रमण के दौरान दीपक बंसल रजिस्ट्रार व सचिव किशोर न्याय समिति उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा छात्र-छात्राओं को उच्च न्यायालय की कार्यवाही की जानकारी दी गई। उन्हें म्यूजियम, लाइब्रेरी आदि स्थलों का भ्रमण कराया गया। उच्च न्यायालय के भ्रमण के उपरान्त छात्र-छात्राओं को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर का भ्रमण कराते हुए प्राधिकरण की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी गई।
दिखाई गई शार्ट मूवी
आयोजित कार्यक्रम में मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में उपस्थित बच्चों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं से मनोज कुमार सिंह अतिरिक्त सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया, साथ ही छात्र-छात्राओं को गुड-टच व बेड-टच, बालश्रम और बाल-विवाह से संबंधित शार्ट मूवी क्लिप भी दिखाई गई जिससे छात्र-छात्राओं को योजनाओं और कानून संबंधी प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जा सके।
ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम के दौरान हेमन्त जोशी प्रिंसिपल रजिस्ट्रार (न्यायिक), दीपक बंसल रजिस्ट्रार व सचिव किशोर न्याय समिति उच्च न्यायालय जबलपुर, मनोज कुमार सिंह अतिरिक्त सचिव मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जीतेन्द्र मोहन धुर्वे व सर्वेश चतुर्वेदी जिला विधिक सहायता अधिकारी और पराग दीवान शिक्षक भी उपस्थित रहे।
जिला न्यायालय व थाने का निरक्षण
एनईएस विधि महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक पी रुत के नेतृत्व में विधार्थियों ने जिला एवं सत्र न्यायालय व सिविल लाइन थाने का निरक्षण कर कार्यप्रणाली से अवगत हुए। सहायक प्राध्यापक पी रूत ने बताया कि विधि संकाय के छठवें सेमेस्टर के पाठ्यक्रम में कोर्ट मूट विषय होता है, जिसमें विधार्थियों को जिला न्यायालय, जिला बंदीगृह, कलेक्ट्रेट, रजिस्टार कार्यालय व थानों का निरक्षण कराकर वहां की कार्यप्रणाली से अवगत कराया जाता है।
विधि विधार्थियों ने किया निरिक्षण
जिसके अंतर्गत सोमवार एनईएस विधि महाविद्यालय के विधार्थियों को जिला एवं सत्र न्यायालय व सिविल लाइन थाना का निरीक्षण कराया गया, जिसमें सभी विधार्थियों ने सिविल लाइन थाना प्रभारी रमेश कौरव से थाने की समस्त कार्यप्रणाली और अन्य प्रश्न किए जो कि आमजन से भिन्न होते हैं, जिस पर थाना प्रभारी ने विधि विधार्थियों को पूर्ण सहयोग कर थाना को पूर्ण निरीक्षण कराया जिसमें मालखाना, बंदीगृह, एफआईआर प्रक्रिया से लेकर आरोपी को न्यायालय तक प्रस्तुत करने की प्रकिया से अवगत कराया।
कैसे दर्ज होती है एफआईआर !
साथ ही उन्होंने जीरो एफआईआर से अवगत कराते हुए बताया कि पीड़ित आकस्मिक स्थिति में देश के किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज कर न्याय प्राप्त कर सकता है। जिला एवं सत्र न्यायालय व सिविल लाइन थाना का निरीक्षण करने दौरान विधि विधार्थी अमित कुमार पांडे, दीपक झारिया, निशि वासवानी, राकेश पटेल, पराग दुबे, रिचा चौधरी, प्रतिक्षा सोनी, दिशा प्रतिक्षा, विकास दुबे सहित अन्य छात्र उपस्थित रहे।