डिण्डौरी | अपर नर्मदा परियोजना कृषक संघर्ष मोर्चा के तात्वाधान में अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर के विरोध में रैली चंद्रविजय कालेज से रैली निकाली गई एंव उत्कृष्ट मैदान में आमसभा के रूप में परिवर्तित हुई। जंहा पर आए हुए किसान आंदोलन के जनप्रतिनिधिगणों ने उदबोधन दिया गया, उसके पश्चात कलेक्टर कार्यालय पंहुचकर महामहिम राष्ट्रपति महोदया, महामहिम राज्यपाल महोदय मध्यप्रदेश, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम ज्ञापन एस.डी.एम डिण्डौरी को सादर दिया गया मुख्य रूप से आमसभा में गुलजार सिंह मरकाम, उर्मिला मार्को, रूदेश परस्ते, वीरेन्द्र तेकाम, अनमोल सिंह परस्ते, रवि बैगा, अमान सिंह पोर्ते, आनंद श्याम ने सभा को संबोधित किया। मुख्य रूप से सभा में पेसा एक्ट ग्रामसभा पर बात रखी गई, हरी सिंह मरावी ने अपने संचालन में संविधान की बांतो को रखा कि जिला प्रशासन प्रदेश सरकार को संविधान का पालन करना चाहिए। भूअर्जन कानून क्या कहता है?
भूमि अर्जन, पुर्नवासन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिनियम 2013 की धारा 41 में कहा गया है कि अनुसूचित जनजाति को नहीं हटाया जायेगा, अगर आवश्यक है तो कम संख्या में विस्थापन किया जायेगा। पेसा कानून क्या कहता है? 24 दिसंबर 1996 से पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों के लिए केन्द्र सरकार ने पंचायत उपबंध(अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) पेसा कानून लागू किया जिसमें यह कहा गया कि एक वर्ष के अंदर अनुसूचित क्षेत्र वाले राज्य अपने अपने राज्य में कानून बनाऐगें-नियम बनाऐंगें मध्यप्रदेश राज्य में पेसा पर आज तक कानून नहीं बनाया गया और बगैर कानून बनाए नियम बना दिया गया जिसे मध्यप्रदेश राज्य में 15 नवंबर 2022 को लागू किया गया जो मध्यप्रदेश राज्य के अनुसूची क्षेत्रों पर लागू है, अपर नर्मदा परियोजना से प्रभावित सभी ग्रामों की ग्रामसभाओं ने बांध को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया है।ग्राम सभाओं की विशेष शक्तियों का निर्वचन करते हुए भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा 2013 में दिए गए फैसले में कहा गया है कि किसी भी प्राधिकारी के पास इतनी शक्ति नहीं कि वह ग्राम सभा के किसी भी फैसले को नामंजूर कर सकें। उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए इस फैसले के तहत किसी भी प्राधिकारियों (।नजीवतपजपमे ) को ग्राम सभाओं द्वारा दिए गए सुसंगत निर्णयों के विरुद्ध कार्रवाई करना ग्राम सभाओं का उल्लंघन एवं उच्चतम न्यायालय का अवमानना होगा ।
आदिवासियों के आस्था स्थल को डुबोया जा रहा है…
अपर नर्मदा परियोजना में भारत की सबसे बड़ी जनजाति गोंड के धर्मगुरू पारि कुपार लिंगों जी का तपस्थल लिंगों पहाड़ पुष्पराजगढ़ के बिलासपुर पंचायत एंव करंजिया विकासखण्ड के ग्राम रूसा के मध्य नर्मदा नदी के किनारे स्थित है, जंहा मध्यप्रदेश राज्य सहित देश अन्य राज्यों से गोंड जनजाति के लोग दर्शन पूजा पाठ करने आते है, अपर नर्मदा परियोजना से इस स्थल के चारों ओर पानी आ जायेगा जंहा जाना असंभव हो जायेगा। ’यह कि ग्राम शोभापुर जंहा बांध बनाया जाना है उसके समीप ही करबे मटटा पहाड़ी पर करम श्री देवी स्थल है, यंहा पर भी दूर दूर से अनेक राज्यों से लोग अपनी मन्नत कामना हेतु लोग आते है, साथ ही पूरे क्षेत्र का पारंपरिक देवी देवताओं का मुख्यालय भी करम श्री देवी स्थल को माना जाता है, यह स्थल भी बांध निर्माण से पानी के अंदर आ जायेगा, इन ऐतिहासिक स्थलों के पानी में आ जाने से देश में मध्यप्रदेश सहित, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, तेंलागना सहित अन्य राज्यों में निवासरत बहुसंख्यक गोंड जनजाति सामाजिक संगठन धार्मिक स्थल को बचाने आंदोलन करेंगें। जिसकी सारी जवाबदारी मध्यप्रदेश सरकार की होगी। आंदोलन में पुष्पराजगढ़ से देवरी, दमेहड़ी, परसवार, बिलासपुर,धोपगढ़ सहित अन्य पंचायतों के सरपंच एवं ग्रामसभा के अध्यक्ष उपस्थित रहे तथा मुख्य कार्यकर्ता किसान मोर्चा से रविशंकर बैगा अध्यक्ष जयस अनुपपुर, अनुमोल सिह परस्ते संभागीय अध्यक्ष जयस, शिवप्रसाद पड़वार पूर्व संरपच, गोपाल सिंह मरावी, धनीराम परस्ते दिनेश सिंह श्याम जयस अनुपपुर,शोकलाल,करन सिंह तेकाम, गोकुल सिंह परस्ते पूर्व सरपंच, पवन सिंह धुर्वे, शिवचरन सिंह परस्ते, महेन्द्र सिंह परस्ते खितगांव सरपंच, मनोज सैयाम, वीरेन्द्र तेकाम, सालिकराम धुर्वे सरंपच परसवाह, ददन सिंह धुर्वे सरपंच पथरकुचा, टीकम सिंह धुर्वे, संतोष सिंह मरावी, कमल सिंह लक्ष्मी तेकाम सरपंच मोहतरा, ईश्वर तेकाम सरपंच धवाडोंगरी, कपिलदेव आर्मो मूसामुण्डी सरपंच, अमर सिंह परस्ते सरंपच भुसण्डा, चंद्रविजय कुशराम सरपंच पाटनगढ़, बिसौहा सिंह पटट, अशोक आयाम सरंपच चंदना, अजय तेकाम अध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा, भगवतां परस्ते गोंडवाना महासभा एंव दोनो जिलों से ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
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डिण्डौरी | अपर नर्मदा परियोजना कृषक संघर्ष मोर्चा के तात्वाधान में अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर के विरोध में रैली चंद्रविजय कालेज से रैली निकाली गई एंव उत्कृष्ट मैदान में आमसभा के रूप में परिवर्तित हुई। जंहा पर आए हुए किसान आंदोलन के जनप्रतिनिधिगणों ने उदबोधन दिया गया, उसके पश्चात कलेक्टर कार्यालय पंहुचकर महामहिम राष्ट्रपति महोदया, महामहिम राज्यपाल महोदय मध्यप्रदेश, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम ज्ञापन एस.डी.एम डिण्डौरी को सादर दिया गया मुख्य रूप से आमसभा में गुलजार सिंह मरकाम, उर्मिला मार्को, रूदेश परस्ते, वीरेन्द्र तेकाम, अनमोल सिंह परस्ते, रवि बैगा, अमान सिंह पोर्ते, आनंद श्याम ने सभा को संबोधित किया। मुख्य रूप से सभा में पेसा एक्ट ग्रामसभा पर बात रखी गई, हरी सिंह मरावी ने अपने संचालन में संविधान की बांतो को रखा कि जिला प्रशासन प्रदेश सरकार को संविधान का पालन करना चाहिए। भूअर्जन कानून क्या कहता है?भूमि अर्जन, पुर्नवासन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिनियम 2013 की धारा 41 में कहा गया है कि अनुसूचित जनजाति को नहीं हटाया जायेगा, अगर आवश्यक है तो कम संख्या में विस्थापन किया जायेगा। पेसा कानून क्या कहता है? 24 दिसंबर 1996 से पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों के लिए केन्द्र सरकार ने पंचायत उपबंध(अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) पेसा कानून लागू किया जिसमें यह कहा गया कि एक वर्ष के अंदर अनुसूचित क्षेत्र वाले राज्य अपने अपने राज्य में कानून बनाऐगें-नियम बनाऐंगें मध्यप्रदेश राज्य में पेसा पर आज तक कानून नहीं बनाया गया और बगैर कानून बनाए नियम बना दिया गया जिसे मध्यप्रदेश राज्य में 15 नवंबर 2022 को लागू किया गया जो मध्यप्रदेश राज्य के अनुसूची क्षेत्रों पर लागू है, अपर नर्मदा परियोजना से प्रभावित सभी ग्रामों की ग्रामसभाओं ने बांध को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया है।ग्राम सभाओं की विशेष शक्तियों का निर्वचन करते हुए भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा 2013 में दिए गए फैसले में कहा गया है कि किसी भी प्राधिकारी के पास इतनी शक्ति नहीं कि वह ग्राम सभा के किसी भी फैसले को नामंजूर कर सकें। उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए इस फैसले के तहत किसी भी प्राधिकारियों (।नजीवतपजपमे ) को ग्राम सभाओं द्वारा दिए गए सुसंगत निर्णयों के विरुद्ध कार्रवाई करना ग्राम सभाओं का उल्लंघन एवं उच्चतम न्यायालय का अवमानना होगा ।आदिवासियों के आस्था स्थल को डुबोया जा रहा है…अपर नर्मदा परियोजना में भारत की सबसे बड़ी जनजाति गोंड के धर्मगुरू पारि कुपार लिंगों जी का तपस्थल लिंगों पहाड़ पुष्पराजगढ़ के बिलासपुर पंचायत एंव करंजिया विकासखण्ड के ग्राम रूसा के मध्य नर्मदा नदी के किनारे स्थित है, जंहा मध्यप्रदेश राज्य सहित देश अन्य राज्यों से गोंड जनजाति के लोग दर्शन पूजा पाठ करने आते है, अपर नर्मदा परियोजना से इस स्थल के चारों ओर पानी आ जायेगा जंहा जाना असंभव हो जायेगा। ’यह कि ग्राम शोभापुर जंहा बांध बनाया जाना है उसके समीप ही करबे मटटा पहाड़ी पर करम श्री देवी स्थल है, यंहा पर भी दूर दूर से अनेक राज्यों से लोग अपनी मन्नत कामना हेतु लोग आते है, साथ ही पूरे क्षेत्र का पारंपरिक देवी देवताओं का मुख्यालय भी करम श्री देवी स्थल को माना जाता है, यह स्थल भी बांध निर्माण से पानी के अंदर आ जायेगा, इन ऐतिहासिक स्थलों के पानी में आ जाने से देश में मध्यप्रदेश सहित, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, तेंलागना सहित अन्य राज्यों में निवासरत बहुसंख्यक गोंड जनजाति सामाजिक संगठन धार्मिक स्थल को बचाने आंदोलन करेंगें। जिसकी सारी जवाबदारी मध्यप्रदेश सरकार की होगी। आंदोलन में पुष्पराजगढ़ से देवरी, दमेहड़ी, परसवार, बिलासपुर,धोपगढ़ सहित अन्य पंचायतों के सरपंच एवं ग्रामसभा के अध्यक्ष उपस्थित रहे तथा मुख्य कार्यकर्ता किसान मोर्चा से रविशंकर बैगा अध्यक्ष जयस अनुपपुर, अनुमोल सिह परस्ते संभागीय अध्यक्ष जयस, शिवप्रसाद पड़वार पूर्व संरपच, गोपाल सिंह मरावी, धनीराम परस्ते दिनेश सिंह श्याम जयस अनुपपुर,शोकलाल,करन सिंह तेकाम, गोकुल सिंह परस्ते पूर्व सरपंच, पवन सिंह धुर्वे, शिवचरन सिंह परस्ते, महेन्द्र सिंह परस्ते खितगांव सरपंच, मनोज सैयाम, वीरेन्द्र तेकाम, सालिकराम धुर्वे सरंपच परसवाह, ददन सिंह धुर्वे सरपंच पथरकुचा, टीकम सिंह धुर्वे, संतोष सिंह मरावी, कमल सिंह लक्ष्मी तेकाम सरपंच मोहतरा, ईश्वर तेकाम सरपंच धवाडोंगरी, कपिलदेव आर्मो मूसामुण्डी सरपंच, अमर सिंह परस्ते सरंपच भुसण्डा, चंद्रविजय कुशराम सरपंच पाटनगढ़, बिसौहा सिंह पटट, अशोक आयाम सरंपच चंदना, अजय तेकाम अध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा, भगवतां परस्ते गोंडवाना महासभा एंव दोनो जिलों से ग्रामीण जन उपस्थित रहे।