मनरेगा में नाबालिग बच्चे कर रहे काम…
जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़रिया कला का मामला:—
जिले के जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़रिया कला में पुलिया निर्माण में भारी लापरवाही बरती जा रही है। सरपंच , सचिव और ठेकेदार की मिलीभगत से गुणवत्ताविहीन कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। पुलिया निर्माण कार्य के उपयोग सामग्री में माफदंड को दरकिनार कर तैयार किया जा रहा है। साथ ही जिम्मेदारों के द्वारा मनरेगा में नाबालिक बच्चों से काम कराया जा रहा है।
डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| जिले में सरपंच,सचिव और ठेकेदार की मिलीभगत से घटिया निर्माण कार्य चरम पर है,एक तरफ सरकार के द्वारा निर्माण कार्यों को लेकर लाखों करोड़ो रू खर्च कर रही है,किंतु सरपंच,सचिव के द्वारा मनमानी पूर्वक निर्माण कराते हुये स्वयं को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है। दरअसल जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़रिया कला में लाखों रू. की लागत से पुलिया निर्माण कार्य काराया जा रहा है, जहां ठेकेदार के द्वारा घटिया सामग्री से पूरी तरह गुणवत्ताविहीन निर्माण करा रहें हैं।
पुलिया निर्माण में मापदंड को दरकिनार कर किया जा रहा घटिया निर्माण…
जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़रिया कला में बैगान टोला में लगभग लाखों रू. की लागत से पुलिया का निर्माण कार्य कराया जा रहा है,प्राप्त जानकारी के अनुसार सरपंच, सचिव अपने चहेते ठेकेदार के माध्यम से पुलिया का निर्माण करा रहे है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार के द्वारा पुलिया निर्माण में गिट्टी डस्ट वाली उपयोग किया जा रहा है। साथ मसाले मिश्रण भी उचित मात्रा में नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से पुलिया के कई हिस्सों की गिट्टी निकलने लगी है।
मनरेगा में नाबालिग बच्चे कर रहे काम…
मामला डिंडौरी जिले के जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़रिया कला का है,जहां पुलिया निर्माण के लिए मनरेगा योजना द्वारा कराए जा रहे काम में नाबालिग बच्चों को मेहनत मजदूरी करते हुए देखा जा सकता है। यहां नाबालिग बच्चों से मनरेगा योजना के तहत होने वाले काम को कराया जा रहा है। जिस उम्र में इनके हाथों में किताबे और पेन होना चाहिये था, उस उम्र में इन बच्चों के हाथों में फावड़ा,और मशाले से भरे तसले देकर काम कराया जा रहा है। एक तरफ जहां देश के नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए सरकार करोड़ो रुपये खर्च कर रही है।
यह जानकर आश्चर्य होगा कि एक ओर बाल श्रम पर भारत के कानून में सजा और प्रतिबंध का प्रावधान है। वहीं सरकारी योजनाओं में नाबालिग बच्चों द्वारा काम लिया जाना कहीं ना कहीं योजना में भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है। क्योंकि ग्रामीणों की शिकायत रहती है कि ग्राम प्रधान मनरेगा का काम या उनके जॉब कार्ड से नाम काट दिया है, जिसकी वजह से मजबूरी में वह पलायन करने को विवश हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए ही मनरेगा योजना को लागू किया गया था,लेकिन ग्राम पंचायत पड़रिया कला के ग्राम सरपंच रायसिंह परस्ते व सचिव रमेश वालरे की करतूतों ने पूरी योजना पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। एक सरकारी योजना और सरकार का पैसा और सरकार की जमीन यही नहीं सरकार के द्वारा ही लगाई गई रोक और सजा एक ग्राम सरपंच मातहतों के आगे नतमस्तक दिखाई दे रही है। जो नाबालिग बच्चों को काम पर रख कर उनके अधिकारों का हनन व शोषण किया जा रहा है। मनरेगा काम करने हेतु नाबालिगों के जॉब कार्ड बन ही नही सकते। अगर बना तो यह बहुत ही बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। यदि नहीं बना है तो इन मासूम बच्चों का खून पसीना बहा शोषण कर फर्जी मस्टरोल भर कर भुकतान कर योजनओं में बंदरबांट करने वालों पर कार्रवाई क्यों नही होती है। इन सब के बीच में सबसे बड़ा सवाल तो यह उठता है कि इन नाबालिग बच्चों के मेहनत के बाद मजदूरी किस हिसाब से मिलेगी, क्योंकि जब कार्ड ही नहीं बना तो नाबालिगों को मजदूरी करने का कार्य कैसे मिल गया। अब सवाल ये उठता है कि इन नाबालिग बच्चों को दिखाकर जब सरकार के खजाने से पैसा निकाल कर मजदूरी का भुगतान कर लिया जाएगा। तो यह ग्रामीण इलाका बेरोजगारी कारण और ही पिछड़ता जाएगा।
सरपंच,सचिव के विरूध्द कार्रवाई की दरकार…
डिंडौरी जनपद पंचायत में निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करने के मामले में सरपंच सचिव काफी चर्चित हैं, जहां तमाम प्रकार के निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है,किंतु विभागीय अधिकारियों के द्वारा निर्माण कार्यों की निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं की जाती और न ही कार्रवाई की जा रही है। जिसके चलते ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से कराए जा रहे निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े नज़र आ रहे हैं।
इनका कहना है,,
मामले की जानकारी आपके माध्यम से लगी है, निर्माण स्थल में जाकर देख लेता हूं, यदि गलत काम हो रहा है तो सुधार की जाएगी।
बृजेंद्र सरिवान, सहायक यंत्री जनपद पंचायत डिंडौरी
मामले की जानकारी आपके माध्यम से लगी है, जांच करता हूं।
गणेश पांडे , प्रभारी सीईओ जनपद पंचायत डिंडौरी