एमपी: आम जनता पर महंगाई की एक और मार, नॉन ब्रांडेड दाल दलहन पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाना दुर्भाग्यजनक: चैम्बर

एमपी: आम जनता पर महंगाई की एक और मार, नॉन ब्रांडेड दाल दलहन पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाना दुर्भाग्यजनक: चैम्बर

जबलपुर, डेेस्क। नॉन ब्रांडेड दाल दलहन व अन्य जीवन उपयोगी खाद्यान्न मोटा अनाज सहित अन्य पदार्थों पर प्रस्तावित 5 प्रतिशत जीएसटी का आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाये, इस अविवेकपूर्ण कदम से महंगाई दर में इजाफा होगा साथ ही छोटे व्यापारियों पर भी संकट आएगा। यह कहना है, फेडरेशन ऑफ मप्र चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे का।
एक जानकारी में उन्होंने बताया कि अभी हाल में जीएसटी काउंसिल एवं देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक में निर्णय लेकर नॉन ब्रांडेड दलहन जिसमें तुवर, मूंग, उड़द, मसूर, चना इत्यादि और अन्य जीवन उपयोगी खाद्यान्न मोटा अनाज सहित अन्य खाद्य पदार्थों पर 18 जुलाई से 5 प्रतिशत जीएसटी लगाना प्रस्तावित किया गया है, जो कि देश के सूक्ष्म, लघु उद्योगों पर कुठाराघात है।
फेडरेशन के कार्यसमिति सदस्य राजीव अग्रवाल, अरुण पवार, अमरप्रीत छाबड़ा आदि ने केंद्र सरकार से मांग की है, की देश हित में उक्त जीएसटी को तत्काल प्रभाव से वापिस लिया जाये।
उद्योग व्यापार हो जाएंगे चौपट
वर्ष 2017 में जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार ने स्पष्ट आश्वासन दिया था, की सभी प्रकार की दालों और मोटा अनाज सहित अन्य खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे से मुक्त रखा जाएगा। दुर्भाग्य जनक पहलू है की अब सरकार द्वारा निर्णय बदलते हुए आम जनता की अति आवश्यक वस्तुओं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगा देने से समस्त प्रकार की दालें आम जनता को महंगी प्राप्त होंगी जिससे देश में महंगाई और बढ़ेगी।
भारत में 85 प्रतिशत छोटे उद्योग तथा व्यापारी बड़े शहर तथा गांवों में नॉन ब्रांडेड खाद्यान्न का व्यापार करते हैं जिस पर अभी जीएसटी लागू नहीं है। 5प्रतिशत जीएसटी लागू करने के बाद इस क्षेत्र के लगभग 5 करो? खुदरा व्यापारी इस व्यवसाय से धीरे धीरे बाहर हो जाएंगे तथा खाद्यान्न पदार्थों पर बड़ी कंपनियों का एकाधिकार हो जाएगा। सरकार के इस निर्णय से छोटे-छोटे पैकिंग में पैक दालों की कीमत बढ़ेगी तथा जीएसटी का भार आम उपभोक्ता पर आएगा।

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